आग लगी या लगाई गई: हिमाद्री फैक्ट्री से उठा केमिकलयुक्त धुंआ
न्यूज एक्शन। आईटी कालेज नकटीखार के समीप स्थित हिमाद्री केमिकल के गोदाम में सोमवार की दोपहर भीषण आग लग गई। कोलतार रॉ मटेरियल की खाली बोरियां आग की चपेट में आकर जल गई। जिससे क्षेत्र में तेज दुर्गंध व धुआं फैल गया। नगर निगम एवं नगर सेना के दमकलकर्मी आग पर काबू पाने में जुटे रहे। स्थानीय लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर जानबूझकर कोलतार रॉ मटेरियल की खाली बोरियों में आग लगाने का आरोप लगाया है। फैक्ट्री के गोदाम में आग लगने से स्थानीय लोगों को खासी परेशानी हुई। बालको पुलिस सहित पर्यावरण विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के मद्देनजर वेस्टेज मटेरियल को फेंकने की जगह नहीं मिलने के कारण जानबूझकर बोरियों में आग लगाई गई है। उन्होंने कहा कि खुली गाडिय़ों में बोरियां फैक्ट्री तक लाई जाती है। जबकि खतरनाक केमिकल कंटेनर में लाया जाना चाहिए। यही कारण है कि संयंत्र के कारण स्थानीय लोगों को आंखों में जलन और शरीर में खुजली की शिकायत होती है। इसकी कई बार शिकायत भी की जा चुकी है परंतु पर्यावरण संरक्षण अधिकारी शिकायतों को नजर अंदाज करते रहे हैं। ग्रामीणों ने फैक्ट्री के भीतर की स्थिति को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारण बड़ा विस्फोट भी हो सकता था। जैसे ही आज आग लगने की खबर फैली मौके पर लोग जुटने लगे। नगर निगम के दो दमकल आग बुझाने मौके पर पहुंच गया था। घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। फिलहाल आग लगने का कारण क्या है इसकी विवेचना की जा रही है।
गांव के सरपंच ने आरोप लगाया है कि केमिकल की खाली बोरियों को जानबूझकर जलाया गया है। आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई है। यह पहले भी होता रहा है। उन्होंने कहा कि केमिकल के खतरनाक होने के कारण इसे कहीं डंप नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि उसे नष्ट करने के लिए आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत पर्यावरण संरक्षण मंडल से की जाएगी। विभाग को ज्ञापन सौंपने के अलावा ग्रामीणों द्वारा संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जाएगा। आग लगने की सूचना पर पर्यावरण अधिकारी आरपी शिंदे मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हिमाद्री केमिकल के गोदाम को अवैध करार देते हुए नोटिस जारी कर बंद कराया जाएगा। वहीं दूसरी ओर हिमाद्री केमिकल प्रबंधन ने असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगाने की बात कही है।
स्थानीय निवासियों ने फैक्ट्री प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि जानबूझकर खतरनाक केमिकल वाली बोरियों को जलाकर मानव जीवन को खतरे में डाला गया है। फैक्ट्री के खिलाफ शिकायत करने पर सरकारी काम में व्यवधान उत्पन्न करने का मामला दर्ज कराने की धमकी दी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन की इसी गुण्डागर्दी के कारण स्थानीय लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।
हर साल होती है घटना
हिमाद्री केमिकल में हर साल इस तरह की घटना घटित होती है। घटना के बाद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के साथ धरना तक दिया जाता है, लेकिन प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती। लिहाजा वर्षों से प्रबंधन की यह लापरवाही जारी है। कार्रवाई के अभाव में प्रबंधन के हौसले बुलंद हैं। हर साल होने वाली इस तरह की घटनाओं में पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ स्थानीय लोगों की जान को भी खतरा पैदा होता है। इसके बाद भी पर्यावरण संरक्षण मंडल नियम विरूद्ध कृत्यों के बाद भी कड़ी कार्रवाई नहीं करता। विभाग के कुछ अधिकारियों और प्रबंधन के बीच सांठगांठ की चर्चाएं भी होती रहती हैं।
विभाग की नाक के नीचे था अवैध भंडारण
हिमाद्री केमिकल प्रबंधन द्वारा अवैध रूप से केमिकल युक्त प्लास्टिक बोरों का भंडारण कर रखा गया था। जिसकी भनक तक पर्यावरण संरक्षण मंडल को नहीं थी। आगजनी की घटना के बाद विभाग के अफसर हरकत में आए और प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात करने लगे। लंबे समय से केमिकलयुक्त बोरियों का भंडारण किया जाता रहा है। जिसके कारण मानव स्वास्थ्य खतरे में पड़ा हुआ है। इसके बाद भी विभाग के कुछ अफसरों के रहमोकरम में प्रबंधन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
लंबे समय से जमे हैं अफसर
पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी आर.पी. शिंदे लंबे समय से कोरबा में जमे हुए हैं। अधिकांश शिकायतों में उनके द्वारा प्रबंधनों को महज नोटिस जारी कर कार्रवाई की खानापूर्ति कर ली जाती है। जबकि अनेक उद्योग प्रबंधनों द्वारा नियम विरूद्ध कार्य किया जाना उजागर हो चुका है। चाहे बात नदियों में राखड़ और फर्निस ऑयल बहाने की हो या फिर शहर की आबोहवा में मापदंड से अधिक प्रदूषण फैलाने की हो। हर मामले में विभाग की कार्रवाई केवल कागजों तक ही सीमित नजर आती है। लंबे समय से एक ही अधिकारी के जिले में पदस्थ रहने से कार्य में कसावट गायब हो चुकी है।
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