ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन ने एसईसीएल कोरबा खदान से व्यर्थ बह रहे पानी को तालाब में निस्तारी के लिए दिए जाने की मांग कीऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन ने एसईसीएल कोरबा खदान से व्यर्थ बह रहे पानी को तालाब में निस्तारी के लिए दिए जाने की मांग की

कोरबा 27 जनवरी। ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति संगठन ने एसईसीएल कोरबा परियोजना अंतर्गत बांकी मोगरा 02 नंबर खदान है। खदान काफी समय से बंद पड़ा है। खदान का पानी व्यर्थ बाहर बह रहा है।

इस सिलसिले में ऊर्जाधानी भू-विस्थापित संगठन के गजेंद्र सिंह ठाकुर ने एसईसीएल कोरबा परियोजना प्रबंधक से मांग की है कि बांकी मोगरा दो नंबर खदान से जो पानी व्यर्थ बाहर बह रहा है उसे 700 मीटर दूर बांकी बस्ती के तालाब में आमजनों की निस्तारी के लिए उपयोग में लाया जाए। क्योंकि गर्मी के समय में तालाब पूरी तरह सूख जाता है जिससे आम लोगों को निस्तारी के लिए परेशानी उठानी पड़ती है।

संगठन के गजेंद्र सिंह ठाकुर ने यह भी बताया कि जीवन में पानी अनमोल है और पानी की बचत अति आवश्यक है। एसईसीएल कोरबा परियोजना प्रबंधक को ध्यान आकर्षित कराते हुए पानी जो व्यर्थ बाहर बह रही है उसे एक सुनिश्चित व्यवस्था करके बांकी बस्ती के तालाब में निस्तारी के लिए दिया जाए जिससे आमजनों द्वारा पानी जैसी अनमोल चीज का उपयोग हो पाए।

Spread the word