मत्स्य पालन विभाग में गोलमाल की मुख्यमंत्री से शिकायत, विभागीय बजट और डी एम एफ की राशि लॉक डाउन में कैसे हुई खर्च?

कोरबा 12 जनवरी। मछुआरों और विभिन्न समितियों को लाभ पहुचाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ोे रूपए खर्च किया जा रहा है। मगर मतस्य पालन विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते जरूरतमंदो को लाभ नही मिल पा रहा है। संबंधित विभाग द्वारा जिले के मछुआरों और जरूरतमंदो को मछली बीज दाना और मतस्य पालन से संबंधित तमाम उपकरण मुहैया कराना है लेकिन समितियो की मांग के बाद भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। जानकारी के अनुसारजिले के कटघोरा तहसील अंतर्गत उतरदा के रेलडबरी तुलसी मछुआ सहकारी समिति द्वारा भी संबंधित विभाग से लगातार मछली बीज और दाने की मांग की जा रही है। लेकिन विभागीय अफसरो की अनदेखी के चलते समिति का कार्य प्रभावित हो रहा है। आपको बता दे कि मतस्य पालन ही समिति का प्रमुख व्यसाय है। ऐसे में सरकारी मतस्य के अभाव में समिति से जुड़े ग्रामीणो के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। समिति के अध्यक्ष सतपाल सिंह नेटी की माने तो अफसरों की लापरवाही और देखरेख के अभाव में उतरदा बांध भी क्षति ग्रस्त हो गया है। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी है। साथ ही समिति द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर शिकायत भेजा गया है।

खास बात यह है कि शासन सेइस विभाग को प्रति वर्ष लाखों रुपये मिलते हैं। इसके अलावा जिला खनिज न्यास निधि(डी एम एफ) से भी विभाग को लाखों रुपयों का आबंटन मिलता है। कोरोना काल से पहले नवम्बर 2019 के अंतिम दिनों में 36 लाख 64 हजार रुपये आबंटित किये गए थे। फरवरी 2020 में कोरोना के कारण लॉक डाउन हो गया था। लॉक डाउन में ही पूरी राशि व्यय के देने की जानकारी मिल रही है, जो जांच का विषय है।

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