28 नवंबर को अपहृत दो सिक्युरिटी गार्ड और एक ग्रामीण को नक्सलियों ने 12 दिन बाद किया रिहा

बलरामपुर। जिले के सामरी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरईडिह और सरहदी क्षेत्र कुकूद माइंस से 3 लोगों का अपहरण करने के बाद नक्सलियों ने 12 दिन के बाद उन्हें रिहा कर दिया। तीनों अपहृत सकुशल अपने घर लौट आए हैं। इसे लेकर पुलिस ने बयान जारी किया है। कहा कि पुलिस के दबाव के आगे नक्सली झुक गए हैं और इसी कारण इन तीनों को रिहा किया गया।

छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर नक्सलियों की घुसपैठ फिर से शुरू हो गई है। वहीं नक्सली अपनी पैठ जमाने के लिए हिंडालको में कार्यरत दो सिक्योरिटी गार्ड सूरज सोनी और संजय यादव और ग्राम पंचायत सरईडिह में रहने वाले एक ग्रामीण रामधनी यादव का अपहरण कर सनसनी फैला दी। हालांकि 12 दिन बाद तीनों को छोड़ दिया। 28 नवंबर को तीनों का नक्सलियों ने अपहरण किया था।

बता दें कि मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू के नेतृत्व में पुलिस की टीम लगातार सीआरपीएफ की मदद से इलाके की खाक छान रही थी और सरहदी इलाकों में लगातार सर्चिंग की, लेकिन उनका पता नहीं चला। आखिरकार 12 दिन बाद तीनों को ग्रामीणों ने छोड़ दिया।

तीनों अपहरण किए हुए लोग अचानक जंगल से बाहर निकले और घर लौट आए हैं। सकुशल वापसी हो जाने के बाद उनके परिजन खुश है। वही पुलिस ने कहा कि लगातार उनके तरफ से सर्चिंग की जा रही थी और जो दबाव पड़ा था, उसी दबाव के कारण नक्सलियों ने तीनों को रिहा कर दिया है। छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों का गढ़ माना जाता है और ऐसा माना जा रहा है कि इन तीनों का अपहरण करने के बाद नक्सली इन्हें अपने साथ वही ले गए थे और लगातार 12 दिनों तक उन्हें वहीं रखा गया था, नक्सली इन तीनों का अपहरण करने के लिए आए थे, वह हथियारों से लैस थे और उनके पास आधुनिक हथियार थे। हालांकि पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है।

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