कोल प्रदूषण की समस्याः ग्रामीणों ने 09 सूत्रीय मांगो को लेकर पर्यावरण संरक्षण मंडल को सौंपा ज्ञापन

कोरबा 19 मार्च। दीपका खदान से प्रभावित ग्राम सिरकी के लोगों ने हवा की खराब स्थिति को लेकर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को ज्ञापन सौंपा है। बताया है कि कोल डस्ट के कारण उनके क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है कि इसका असर लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। कोयला कंपनी पर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है।

ग्रामीणों ने कहा है कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे जल्द ही अपनी समस्या के निराकरण को लेकर आंदोलन करेंगे। मांगों को लेकर गांव के लोग छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल के कोरबा कार्यालय पहुंचे। अपनी समस्याओं से मंडल को अवगत कराया। गांव की उप सरपंच कमलेश्वरी दिव्या और भूविस्थापित संघ के अध्यक्ष ने बताया कि कोयला खनन और परिवहन से आसपास के क्षेत्रों में कोल डस्ट की समस्या गंभीर होती जा रही है। कोयला कंपनी वार्षिक कोयला खनन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है लेकिन क्षेत्र में कोयला खनन से पड़ रहे दुष्प्रभाव की रोकथाम को लेकर उदासीन बनी हुई है। कोयला परिवहन और खनन से बहुत ज्यादा प्रदूषण हो रहा है और गाडियों के चलने से कोल डस्ट हवा में फैल रहा है जो उनके घरों तक पहुंच रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में पर्यावरण संरक्षण मंडल को 9 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इसमें श्रमिक चौक दीपका से सिरकी मोड़ तक सडक किनारे और नालियों में जमे कोल डस्ट साफ करने की मांग की गई है। साथ ही सडक किनारे लगे स्प्रिंकलर को मरम्मत कर इसे चालू करने के लिए कहा है। कोल साइडिंग में हो रहे प्रदूषण की रोकथाम को लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सुझाए गए उपायों को लागू करने के लिए कहा है। कोल साइडिंग में प्रदूषण की जानकारी देने वाले उपकरण को स्थापित करने की मांग की है।

कोल हेंडलिंग प्लांट में भी स्प्रिंकलर को चालू करने के लिए कहा है ताकि दीपका और खदान के आसपास स्थित क्षेत्रों में कोल डस्ट की समस्या को कम किया जा सके। ग्रामीणों ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए जाने वाले आंकड़ों की भी जानकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल को दी है जिसमें प्रदूषण का स्तर गंभीर बताया गया है।

Spread the word