भारत: घुसपैठ रोकने आप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 हुआ लोकसभा में पेश, बनेगा कानून

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने देश में घुसपैठ पर अंकुश लगाने के लिए लोकसभा में मंगलवार को आप्रवासन और विदेशी विधेयक 2025 पेश किया। विधेयक में कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या राष्ट्र की अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी विदेशी को देश में प्रवेश या रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार को देश में दाखिल होने व बाहर जाने वाले लोगों के संबंध में पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेजों की जरूरतों व विदेशियों से संबंधित मामलों को नियमित करने की शक्ति मिलेगी।
इमिग्रेशन ऑफिसर को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार दिया जाएगा। लोकसभा में केंद्रीय गृह राज् यमंत्री नित्यानंद राय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से यह विधेयक पेश किया।
प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश पर प्रतिबंध
विधेयक के अनुसार, सभी विदेशी आगमन पर रजिस्ट्रेशन करने, उनकी ( आवाजाही, नाम परिवर्तन और संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्रों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। शैक्षणिक अस्पतालों और नर्सिंग होम जैसी संस्थाओं को विदेशी नागरिकों की मौजूदगी की जानकारी ऑफिसर को देनी पड़ेगी। कोई विदेशी है या नहीं इसे साबित करने का भार संबंधित व्यक्ति पर ही होगा।

अपने खर्च पर देश छोड़ना होगा
विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी विदेशी के भारत में रहने के अनुमतियों को भारत सरकार रद्द कर देती है तो ऐसे विदेशियों को तत्काल भारत छोड़ना होगा। इसका खर्च भी उन्हें या उन्हें लाने वाले वाहकों को वहन करना होगा।
कांग्रेस ने कहा, जेपीसी को भेजा जाए
कांग्रेस ने इस विधेयक को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला बताया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इस विधेयक को वापस लिया जाए या फिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा जाए ताकि इस पर गहन विचार- विमर्श किया जा सके।
पहले आदेश था, अब कानून बनेगा
देश की सुरक्षा के लिहाज से यह बहुत जरूरी है। हम किसी को रोकने के लिए यह विधेयक नहीं ला रहे बल्कि जो लोग आएं वे कानून का पालन करें, इसलिए ला रहे हैं। किसी विदेशी के अस्पताल या शैक्षणिक परिसर में जाने से पहले जानकारी अब भी मुहैया कराई जाती थी, अब तक प्रावधान था, जिसे कानून के रूप में लाया जा रहा है।
■नित्यानंद राय, गृह राज्य मंत्री

इन चार कानूनों की लेगा जगह
विदेशी अधिनियम 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939 और आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम 2000 की जगह यह विधेयक लेगा।
सख्त सजा के प्रावधान
■वैध पासपोर्ट या वीजा के बिना भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने पर पांच साल तक की कैद और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना
■ जाली दस्तावेज़ बनाने वालों को दो से सात साल तक जेल और एक लाख से 10 लाख रुपए तक का जुर्माना
■ निर्धारित समय से अधिक समय तक रहना, वीज़ा शर्तों का उल्लंघन करना या प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने पर तीन साल तक की कैद, तीन लाख तक का जुर्माना या दोनों
■ बिना उचित दस्तावेज के व्यक्तियों को लाने-ले जाने वाले ट्रांसपोर्टर पर पांच लाख रुपए तक का जुर्माना