कुसमुंडा खदान में रोजगार की मांग को लेकर भू विस्थापितों का आंदोलन कल

कोरबा 02 मार्च। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के प्रभावित गांव के भू विस्थापितों ने छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित संगठन के नेतृत्व में लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण की मांग को लेकर 3 मार्च को कुसमुंडा खदान बंद हड़ताल करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि गत 30 दिसंबर को बिलासपुर मुख्यालय में सीएमडी और डीपी के उपस्तिथि में बैठक हुई जिसमें लंबित रोजगार प्रकरणों का जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया गया था। भू विस्थापितों के लंबित रोजगार प्रकरणों के निराकरण को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। जिसके कारण 3 मार्च को कुसमुंडा खदान बंद हड़ताल की घोषणा की गई है।
किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने एसईसीएल से साफ कहा की सभी भू विस्थापित किसानों जिनकी जमीन एसईसीएल ने अधिग्रहण किया है उन सभी खाते पर भू विस्थापितों को स्थाई रोजगार एसईसीएल को देना होगा। हर साल कुछ नौकरी देकर गुमराह करना बंद करे मार्च महीने में कुसमुंडा से कोयला बाहर निकलने नहीं देंगे।विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ों लोगों को विस्थापित किया गया है अपने पुनर्वास और रोजगार के लिये भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। विकास के नाम पर अपनी गांव और जमीन से बेदखल कर दीये गए विस्थापित परिवारों की जीवन स्तर सुधरने के बजाय और भी बदतर हो गई है। कोरबा जिले की विकास की जो नींव रखी गई है उसमें प्रभावित परिवारों की अनदेखी की गई है। लगातार संघर्ष के बाद खानापूर्ति के नाम पर कुछ लोगों को रोजगार और बसावट दिया गया जमीन किसानों का स्थाई रोजगार का जरिया होता है। इसलिए जमीन के बदले सभी खातेदारों को स्थाई रोजगार देना होगा। भू विस्थापित किसानों के पास अब संघर्ष के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।
भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेता दामोदर श्याम,रेशम यादव ने कहा कि 1978 से लेकर 2004 के मध्य कोयला खनन के लिए जमीन को अधिग्रहित किया गया है लेकिन तब से अब तक विस्थापित ग्रामीणों को न रोजगार दिया गया है न पुनर्वास ऐसे प्रभावितों की संख्या सैकड़ों में है। प्रत्येक खातेदार को रोजगार दिया जाए नहीं तो पूरे मार्च महीने में संघर्ष और तेज किया जाएगा। भू विस्थापित नेताओं ने कहा कि भू विस्थापितों को बिना किसी शर्त के जमीन के बदले रोजगार देना होगा और वे अपने इस अधिकार के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। गरीबों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। हड़ताल को सफल बनाने के लिए बैठक आयोजित कर हड़ताल को सफल बनाने की अपील की जा रही है हड़ताल को गेवरा, दीपका क्षेत्र के भू विस्थापितों ने भी समर्थन देकर आंदोलन में शामिल होने की घोषणा की है बैठक में प्रमुख रूप से दामोदर श्याम,रेशम यादव, सुमेंद्र सिंह कंवर,रघु यादव,नरेंद्र यादव,जितेंद्र,जय कौशिक,दीनानाथ,पवन यादव,अनिल बिंझवार, रघुनंदन, कृष्ण कुमार, होरीलाल, डूमन, उमेश, उत्तम,गणेश, विष्णु,मुनीराम, के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित शामिल हो रहे है। भू विस्थापित जिनकी जमीन सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई उन प्रत्येक खातेदार को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाए। जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है उन्हे तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।