अजब- गजब: पाकिस्तान में मौत के साथ 80 साल कैद की सजा.!

लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने 4 लोगों को ऐसा फैसला सुनाया है, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। इन चारों दोषियों को मौत की सजा के साथ-साथ 80 साल की कैद भी दी गई है। यह मामला न केवल चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
फेसबुक पर टिप्पणी बनी मौत की वजह
चारों दोषियों पर आरोप था कि उन्होंने फेसबुक पर ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री साझा की थी। अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सख्त फैसला सुनाया।
- दोषियों पर पैगंबर मुहम्मद (पीबीयूएच), उनके सहयोगियों और पत्नियों का अपमान करने का आरोप था।
- चारों ने फेसबुक पर अलग-अलग पहचानपत्रों का उपयोग करके आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की थी।
- अदालत ने इस जुर्म को गंभीर मानते हुए मौत की सजा और 80 साल की कैद का फैसला सुनाया।
कौन हैं दोषी?
इन चार दोषियों के नाम वाजिद अली, अहफाक अली साकिब, राणा उस्मान, और सुलेमान साजिद हैं।
- अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मोहम्मद तारिक अयूब ने यह फैसला सुनाया।
- दोषियों पर 52 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।
मौत और कैद की सजा एक साथ क्यों?
कई लोग इस सजा को लेकर हैरान हैं कि मौत के बाद 80 साल की सजा का क्या मतलब है।
- दरअसल, यह फैसला अलग-अलग धाराओं के तहत सुनाया गया है।
- मौत की सजा एक अपराध के लिए और 80 साल की कैद दूसरे अपराध के लिए दी गई है।
ईशनिंदा कानून पर सवाल
पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून अक्सर विवादों में रहते हैं।
- एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, इन कानूनों का उपयोग धार्मिक अल्पसंख्यकों और निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
- ऐसे मामलों में अक्सर झूठे आरोप लगाकर लोगों को फंसाया जाता है।
- ये कानून निगरानीकर्ताओं को हिंसा करने का हौसला भी देते हैं।