चिन्ता: डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे युवा अब हाथ से लिखना भूल रहे, चौंकाने वाला शोध

ओस्लो (नार्वे). डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे युवा अब हाथ से लिखना भूल रहे हैं। जनरेशन जेड के बच्चे पेन और पेंसिल से बचने लगे है। यह खुलासा हाल में नार्वे के स्टेवांगर विश्वविद्यालय के अध्ययन में हुआ। शोध के मुताबिक जनरेशन जेड (1997 से 2012 के बीच जन्मे बच्चे) के 40% लोग हस्तलिखित संवाद पर पकड़ खोते जा रहे हैं।

अध्ययन में बताया गया है कि व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स, थ्रेड्स, स्नैपचैट और इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साइट्स लोगों को संक्षिप्त और इमोजी से भरे संदेशों की ओर धकेल रही हैं। इनके प्रभाव से हस्तलिपि का उपयोग युवा पीढ़ी के बीच कम होता जा रहा है। अब स्कूल से लेकर कामकाज के स्थान तक की-बोर्ड और टचस्क्रीन जैसी तकनीक मौजूद हैं। इसलिए जनरेशन जेड शायद पहली पीढ़ी होगी जो सही तरीके से हस्तलिपि में निपुण नहीं होगी।

शोध के अनुसार जनरेशन जेड के छात्र-छात्राएं हस्तलिखित कार्यों में संघर्ष करते हैं। उनसे साफ-सुथरा लिखने को कहा जाता है तो वे घबरा जाते हैं, क्योंकि उनमें लेखन अभ्यास की कमी होती है। उनके लिखे हुए शब्दों को ठीक से समझ पाना और अर्थ निकालना मुश्किल होता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि लेखन मस्तिष्क के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह मस्तिष्क को इस तरह से काम करने के लिए प्रेरित करता है जो टाइपिंग नहीं कर सकती। इसके साथ ही यह मामला कौशल, याददाश्त और समझने से जुड़ा है। हस्तलिपि में फाइन मोटर स्किल्स और मानसिक ध्यान की आवश्यकता होती है जो सीखने को सुदृढ़ करने में मदद करती है। हस्तलिपि अंतर्मन की भावनाओं को सहज और प्रभावशाली अंदाज में व्यक्त करती है।

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