रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालम ने की छापेमारी
नईदिल्ली 22 जनवरी। रेलवे क्लेम घोटाले में प्रवर्तन निदेशालम ने बुधवार की सुबह से पटना, नालन्दा और मैंगलूर समेत पांच स्थानों पर अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया है। रेलवे के कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे करीब 100 करोड़ से अधिक से जुड़ा है घोटाला। ईडी इस मामले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही है। खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील भी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। अलेखनीय है कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त किया गया था। रेलवे में हुए करोड़ो के इस घोटाले में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआइ ने यह मामला दर्ज किया था। माना जा रहा है कि इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे और फिर उन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़पी गई थी। इस पूरे रैकेट में कई लोगों की मिलीभगत थी।
सूत्रों की माने तो एक-एक व्यक्ति के नाम पर चार-चार बार धन की उगाही की गई। मामला वर्ष 2015-2018 के बीच का है। सीबीआई की कार्रवाई को आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच शुरू की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत सरकार की एक प्रमुख जांच एजेंसी है, जो आर्थिक अपराधों और वित्तीय अनियमितताओं की जांच करने के लिए जिम्मेदार है। बता दें कि ईडी अलग-अलग मामलों में बिहार में लगातार धावा बोल रही है। हाल में ही महुआ ग्रुप ऑफ कंपनी पर ईडी ने शिकंजा कसते हुए उसके संचालक को गिरफ्तार कर लिया।