भारत-अमेरिका में विदेशमंत्री स्तरीय बैठक ने बिखेरी चमक

वाशिंगटन 22 जनवरी। नए ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद वाशिंगटन द्वारा भारत को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाते हुए, अमेरिकी विदेश मंत्री मारो रुवियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ज़ ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय बैठकें कीं। विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी सरकार के निमंत्रण पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए वाशिंगटन में हैं। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो शीर्ष राजनयिकों के बीच यह बैठक अमेरिकी विदेश विभाग के फॉगी वॉटम मुख्यालय में हुई। द्विपक्षीय बैठक से पहले डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक हुई। मार्को रुबियो का भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करने का निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी पिछले नए अमेरिकी प्रशासन की पहली विदेश यात्रा परंपरागत रूप से अपने दो पड़ोसियों कनाडा और मैक्सिको या अपने नाटो सहयोगियों में से किसी एक के साथ होती रही है। नए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और डॉ. जयशंकर के बीच द्विपक्षीय बैठक पूर्व विदेश मंत्री के आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण करने के एक घंटे से भी कम समय बाद हुई है।

दोनों नेताओं ने व्यापक चर्चा की, जिसके दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा की। एक घंटे से अधिक समय तक चली इस बैठक में अमेरिका में भारत के राजदूत विनय क्वात्रा भी शामिल थे। बैठक के तुरंत बाद, विदेश मंत्री रुबियो और डॉ. जयशंकर अंतर्राष्ट्रीय प्रेस के समक्ष संयुक्त रूप से उपस्थित हुए, जहां उन्होंने हाथ मिलाया और आधिकारिक तस्वीरों के पीरों के लिए पोज दिए। डॉ. जयशंकर ने बैठक के तुरंत बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद @secrubio से उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक में मिलकर प्रसन्नता हुई।

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