सफेदपोश रेत चोरों पर हो पुलिस FIR, वाहन किये जायें राजसात, जीरो टॉलरेंस नीति पर अमल हो
कोरबा 13 नवम्बर। बालको नगर में चल रहे बेचिंग प्लांट में अवैध रेत खपाने की सूचना पर खनिज विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह छापा मारा, जहां से 15 वाहन पकड़े गए। कई वाहन में पुरानी रॉयल्टी पर्ची की आड़ में रेत की सप्लाई की जा रही थी।
बालकोनगर में चेक पोस्ट के पास आदित्य कंस्ट्रक्शन कंपनी का बेचिंग प्लांट है। यहां शहर के रेत तस्कर अवैध रेत खनन कर टीपर के माध्यम से खपा रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर खनिज विभाग की टीम ने सहायक खनिज अधिकारी उत्तम खुटे के नेतृत्व में मंगलवार सुबह दबिश दी। यहां रेत से लदे 15 मालवाहक पकड़े गए, जिनमें ज्यादातर टीपर थे। टीम को देखते ही 6 वाहन के चालक वाहन से उतरकर मौके से भाग गए। टीम ने अन्य वाहनों के चालकों से रेत परिवहन के दस्तावेज पेश करने को कहा तो कुछ चालकों ने पुरानी रॉयल्टी पर्ची दिखाई। वहीं कई चालक दस्तावेज पेश नहीं कर सके। ऐसे में अवैध रेत परिवहन करने के संदेह में खनिज विभाग ने कार्रवाई कर सभी वाहनों को जब्त कर बालको थाना में सुरक्षार्थ रखवाया है। मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बेचिंग प्लांट को पेश करना होगा दस्तावेज
खनिज विभाग के मुताबिक प्रारंभिक जांच-पड़ताल में बेचिंग प्लांट में अवैध रूप से रेत की सप्लाई और गिट्टी का परिवहन करना प्रतीत हो रहा है। इसके संबंध में बेचिंग प्लांट को नोटिस जारी किया है। वहां भंडारित रेत-गिट्टी की मात्रा और उन्हें कहां से परिवहन किया जा रहा है, इसके दस्तावेज पेश करने होंगे। गड़बड़ी पाए जाने पर बेचिंग प्लांट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वाहन छोड़कर भागे चालक, नहीं आये गाड़ी मालिक
जिले में खनिज विभाग द्वारा अवैध रेत परिवहन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने से रेत तस्करों में हड़कंप मच गया। खनिज विभाग की टीम पर दबाव बनाने के लिए तस्कर दिनभर सक्रिय रहे, जो नेताओं से फोन कराते रहे, लेकिन खनिज अधिकारियों ने एक न सुनी और वाहन जब्त कर लिए। इसकी वजह से बिना रॉयल्टी पर्ची के रेत परिवहन कर रहे 6 टीपर के भागे चालक वापस नहीं पहुंचे। रजिस्ट्रेशन नंबर से वाहन मालिक का पता कर उन्हें बुलाने पर वे भी नहीं पहुंचे।
दिन- रात दौड़ते हैं ट्रेक्टर- टीपर
शासन की गाइडलाइन के मुताबिक शाम होने के बाद रेत खदानों से रेत खनन और परिवहन पर पाबंदी है, लेकिन बेचिंग प्लांट के लिए रेत परिवहन करने वाले रेत तस्करों के टीपर रात भर शहर के भीतर से तेज रफ्तार में नो एंट्री वाले मार्गों से दौड़ते हैं। ऐसे वाहनों को न तो पुलिस की टीम रोकती है और न ही प्रशासन की। यहां तक कि ओवरलोड होने के बावजूद परिवहन विभाग की टीम भी कार्रवाई नहीं करती। कोरबा शहर में दिन के समय भी रेत लेकर ट्रेक्टर और छोटा ट्रिपर नो एन्ट्री में तेज रफ्तार से दौड़ते हैं, जिनसे कभी भी कोई भयंकर दुर्घटना हो सकती है।
लाखों की चोरी, राजसात नहीं होते वाहन
खनिज विभाग समय समय पर ऐसी कार्रवाई करता रहता है, मगर रेत चोरों के वाहन जुर्माना लेकर छोड़ देते हैं। लाखों कमा चुके रेत चोरों पर इसका कोई असर नहीं होता। वाहन वापस पाते ही फिर चोरी- तस्करी में जुट जाते हैं। ऐसे लोगों के वाहन को राजसात करने की जरूरत है।
सफेदपोशों को बेनकाब करना जरूरी, FIR करना चाहिए
खनिज विभाग चाहे तो कलेक्टर की अनुमति मिलने पर इन चोरों के खिलाफ पुलिस में FIR करा सकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर निर्धारित जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत रेत चोरों- तस्करों और चोरी का रेत खरीदने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इन रेत चोरों और खरीददारों का पर्दाफाश करते हुए इनका परिचय सार्वजनिक कर व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए ताकि इन सफेदपोश चोरों की असलियत से आम जनता परिचित हो सके।