छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के 10 हजार करोड़ के टेंडर निरस्त किये गए, घपले की हुई थी शिकायत

रायपुर 26 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में जलजीवन मिशन के सभी टेंडर निरस्त कर दिए हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक- 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। वहीं 1 नवंबर को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त भी किसानों के खाते में डाली जाएगी।

उल्लेखनीय है कि जलजीवन मिशन के टेंडर बाहरी कंपनियों को दिए जाने के आरोप लग रहे थे। ये टेंडर करीब 10 हजार करोड़ रुपए के थे। लेकिन अब छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने इन्हें निरस्त करने का फैसला लिया है। बैठक के बाद इन सभी योजनाओं की जानकारी सरकार के प्रवक्ता तथा कृषिमंत्री रवींद्र चौबे ने दी।

मंत्रिमंडल की बैठक के पहले सोमवार को स्थानीय ठेकेदार अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने पहुंचे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में यह बैठक हुई। मंत्रिमंडल की बैठक में कई अन्य निर्णय भी लिए गए।

औद्योगिक नीति में भी बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2020 को सदन के पटल पर रखने के लिए मंगलवार 27 अक्टूबर तथा बुधवार 28 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया गया है।

मंत्रिमंडल के अन्य फैसले में
औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमति दी गई। जिसमें राज्य के वनोपज, हर्बल तथा वन पर आधारित अन्य उत्पादों का प्रसंस्करण, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण और मूल्य संवर्धन के कार्य राज्य में ही किए जाने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज (वनांचल उद्योग पैकेज) का अनुमोदन किया गया।

विशेष पैकेज के लिए लघु उद्योगों के द्वारा प्लांट एवं मशीनरी के अंतर्गत न्यूनतम 50 लाख तथा अधिकतम 5 करोड़ रूपए का निवेश किया जाना आवश्यक होगा।

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