कही-सुनी (27 OCT – 24) : रवि भोई

रायपुर दक्षिण विधानसभा में बृजमोहन की साख दांव पर

कहा जा रहा है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा के उपचुनाव में भले सुनील सोनी भाजपा के प्रत्याशी हैं, पर यहां बृजमोहन अग्रवाल की साख दांव पर है। सुनील सोनी को बृजमोहन अग्रवाल का करीबी माना जाता है। चर्चा है कि बृजमोहन अग्रवाल के कारण ही सुनील सोनी को रायपुर दक्षिण से भाजपा की टिकट मिली है। संघ से जुड़े लोग भी बृजमोहन से मात खा गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में सुनील की टिकट काटकर हाईकमान ने बृजमोहन को सांसद का चुनाव लड़ाया। जीत गए तो विधायकी से इस्तीफा दे दिया। बृजमोहन रायपुर दक्षिण से लगातार विधायक रहे। स्वाभाविक है अपनी परंपरागत सीट से वे अपने ही समर्थक को टिकट दिलाते। कहा जा रहा है कि सुनील सोनी को जिताने की जिम्मेदारी बृजमोहन की ही है। सुनील सोनी के मुकाबले कांग्रेस ने आकाश शर्मा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस यहां युवा और उम्रदराज की लड़ाई मान रही है तो भाजपा कांग्रेस के प्रत्याशी को अनजान बता रही है। अब लड़ाई कितनी रोचक होती है, यह तो समय बताएगा, पर माना जा रहा है कि इस सीट से भाजपा की जीत से सुनील सोनी के साथ बृजमोहन अग्रवाल की भी राजनीतिक दिशा तय होगी। दक्षिण विधानसभा का उपचुनाव विष्णुदेव साय सरकार के लिए भी अहम है। राज्य में साय सरकार के गठन के बाद पहला विधानसभा उपचुनाव है। यहां का चुनाव परिणाम साय सरकार के लिए लिटमस टेस्ट जैसा होगा,वहीं विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाने के बाद कांग्रेस रायपुर दक्षिण के चुनाव में जीत से संजीवनी के फेर में है।

आकाश शर्मा को किसने दिलाया टिकट ?

कांग्रेस में चर्चा का विषय है कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से आकाश शर्मा को टिकट किसने दिलाया ? आकाश शर्मा प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। कोई कह रहा है आकाश शर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिकट दिलाया, तो कोई कह रहा है प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिवों ने मिलकर टिकट दे दिया। आकाश शर्मा युवा हैं और नए चेहरे हैं। आकाश को टिकट देने से कांग्रेस का एक धड़ा खुश नहीं है। कहते हैं रायपुर दक्षिण से चुनाव लड़ने के लिए सबसे पहले नामांकन फार्म खरीदने वाले कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे और 2018 में दक्षिण से चुनाव लड़ चुके कन्हैया अग्रवाल दूरी बनाए हुए हैं। बताते हैं कांग्रेस के कई नेता रायपुर दक्षिण में आकाश शर्मा का चुनाव प्रचार करने की जगह महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस का चुनाव प्रचार करने की जुगत में हैं। कुछ लोगों की महाराष्ट्र और झारखंड के लिए लाटरी लग भी गई है।

एक कलेक्टर से खफा भारत सरकार के लोग

चर्चा है कि भारत सरकार का एक विभाग छत्तीसगढ़ के एक जिला कलेक्टर से खफा है। खबर है कि कलेक्टर ने अपने जिले में अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते में जोर-शोर से एक कार्यक्रम आयोजित करवाया। कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार भी खूब हुआ। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के लोगों को भी न्योता गया। भारत सरकार के लोग आए और कार्यक्रम में शरीक हुए। कहते हैं कि कार्यक्रम के मूल उद्देश्य की जगह कलेक्टर का गुणगान सुनकर भारत सरकार के लोगों ने माथा पकड़ लिया। अब कहा जा रहा है कि इसी बात को लेकर भारत सरकार का लोगों के जीवन से जुड़ा विभाग कलेक्टर से नाराज चल रहा है। इस कार्यक्रम में बच्चे से बूढ़े सभी आयु वर्ग के लोग जुटे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पहुंचे। राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए दो किश्तों में कई करोड़ बजट भी दिए। निजी संस्थाओं से भी मदद ली गई। भारत सरकार को भी प्रस्ताव भेजा गया। भारत सरकार की तरफ से हां-ना का जवाब नहीं आया। माना जा रहा कि भारत सरकार के लोग कलेक्टर के अंदाज से खुश नहीं हैं तो, भारत सरकार से कुछ वित्तीय मदद मिलने की उम्मीद कम है।

छत्तीसगढ़ पुलिस के दुर्दिन

लगता है छत्तीसगढ़ पुलिस के दुर्दिन चल रहे हैं । कभी वह अपराधियों के हाथों पिट जा रही, तो कभी जनता के हाथों मार खा रही है। छत्तीसगढ़ में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। पुलिस का भय अपराधियों और जनता दोनों में खत्म होता दिख रहा है। सूरजपुर में एक अपराधी द्वारा एक कांस्टेबल के ऊपर गर्म तेल फेंक देना और बलरामपुर में थाने पर हमला व महिलाओं द्वारा एक महिला एएसपी पर पथराव उदहारण है। आरोपी का हेड कांस्टेबल के घर घुसकर उसके परिजनों की हत्या कर देना राज्य में पुलिस प्रशासन के खत्म होते इकबाल को बताता है। इसके पहले बलौदाबाजार और कवर्धा में भी पुलिस फेल हो चुकी है। ला एंड आर्डर मेंटेन नहीं कर पाने के कारण विष्णुदेव साय की सरकार अब तक तीन एसपी को हटा चुकी है। लोग कहने लगे हैं कि पुलिस कानून-व्यवस्था की जगह दूसरे काम में लग जाएगी, तो जनता का गुस्सा फूटेगा ही।

रोहित व्यास किस्मत वाले

2017 बैच के आईएएस रोहित व्यास को सूरजपुर की जगह जशपुर का कलेक्टर बनाए जाने पर उन्हें किस्मत वाला कहा जा रहा है। जशपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का गृह जिला है और सूरजपुर से बड़ा भी। फिर सूरजपुर में पिछले दिनों बड़ी घटना के बाद भी उन्हें मुख्यमंत्री के गृह जिले की कलेक्टरी मिल गई। इसके पहले बलौदाबाजार में घटना हुई तो कलेक्टर को हटाने के साथ उन्हें निलंबित भी कर दिया गया। कवर्धा की घटना को लेकर भी कलेक्टर को हटा कर एक निगम का प्रबंध संचालक बना दिया गया।

विजय दयाराम के. पुरस्कृत

2015 बैच के आईएएस विजय दयाराम के. को सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का प्रबंध संचालक बनाकर पुरस्कृत कर दिया। सरकार ने विजय दयाराम के. को पिछले महीने बस्तर कलेक्टर के पद से हटाकर राज्य कौशल विकास अभिकरण का सीईओ बना दिया था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक डॉ जगदीश सोनकर के कामकाज से सरकार खुश नहीं थी। कर्मचारी भी नाराज चल रहे थे। वहां समन्वय बनाकर चलने वाले एक अफसर की तलाश थी, ऐसे में सरकार ने विजय दयाराम के. को वहां की जिम्मेदारी सौंप दी।

सीनियर आईएएस की लिस्ट जल्द

माना जा रहा है कि 2004 बैच के आईएएस अमित कटारिया के अगले महीने वापसी के बाद मंत्रालय में पदस्थ आईएएस अफसरों की पदस्थापना में कुछ हेरफेर हो सकती है। अभी मंत्रालय में पदस्थ कुछ अफसरों के पास दो-तीन विभाग हैं, ऐसे में एक-दो अफसरों का विभाग कम किया जा सकता है। सीनियर आईएएस अफसरों के साथ कुछ कनिष्ठ अफसरों का भी प्रभार व जिला बदल सकता है।

(लेखक पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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