बिरहोर जनजाति के युवा और युवतियों को अतिथि शिक्षक की मिली नौकरी
कोरबा 07 अक्टूबर। कलेक्टर अजीत वसंत ने डीएमएफ मद से शिक्षकों की कमी दूर करने और लुप्त हो रही पहाड़ी कोरवा जनजाति के शिक्षित पहाड़ी कोरवाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नौकरी देकर उनका आर्थिक उत्थान करने के लिए खास पहल की है। कलेक्टर के विशेष प्रयासों से विशेष संरक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा, बिरहोर जनजाति के युवा और युवतियों को विद्यालयों में अतिथि शिक्षक, भृत्य आदि की नौकरी प्रदान की गई है।
समारोह पूर्वक कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र छत्तीसगढ़ के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, महापौर राजकिशोर प्रसाद की उपस्थिति में प्रदान किया गया। श्रम मंत्री की पहल पर इन्हें 10 से 12 हजार रुपये मानदेय सुनिश्चित किया गया है।
इनकी नियुक्ति 1 जुलाई 2024 में की गई है और नियुक्ति प्रदान करने के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा बार-बार बैठकें लेकर निर्देशित किया जाता रहा है कि डीएमएफ से इन्हें नियमित तौर पर मानदेय मिलता रहे। जिला खनिज संस्थान न्यास के द्वारा इनका मानदेय भुगतान संबंधित विभाग के माध्यम से किया जाना है। अब विडम्बना है कि विगत 3 महीने से अतिथि शिक्षकों को मानदेय अप्राप्त है। भृत्यों को भी 3 माह से मानदेय नहीं मिला है। इस संबंध में अतिथि शिक्षक बने पहाड़ी कोरवाओं से जानकारी लेने पर बताया कि 1 जुलाई 2024 को उनकी नियुक्ति हुई है और आज दिनांक 6 अक्टूबर 2024 तक किसी को मानदेय के नाम पर 1 रुपये भी नहीं मिला है। पहाड़ी कोरवा समाज के अध्यक्ष फिरतराम पहाड़ी कोरवा के द्वारा इस संबंध में जिला मुख्यालय पहुंचकर जनदर्शन में बात रखी जा चुकी है।
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि उन्हें 4 अक्टूबर तक भुगतान प्राप्त हो जाने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक वे मानदेय का रास्ता देख रहे हैं। इन्होंने बताया कि शुरू में हर महीना मानदेय मिलेगा,बोला गया था फिर बाद में कुछ लोगों से मालूम चला कि नौकरी मिलने पर शुरू-शुरू में 3 महीने तक पैसा नहीं मिलता, बाद में आता है। कई तरह की बातों के बीच आदिवासी युवा मानदेय की राह ताक रहे हैं, इसके अभाव में फिलहाल अपनी जमा पूंजी को खर्च कर घर और कार्यस्थल तक की दूरी तय करने के साथ अन्य जरूरतें पूरी करते आ रहे हैं।