जल जीवन मिशन, निर्माण कार्य के स्तरहीन होने का आरोप
मजबूती का नहीं रखा ख्याल
कोरबा 29 सितंबर। जल जीवन मिशन के तहत कोरबा जिले पोंडी उपरोड़ा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बंजारी मे लांखों की लागत से पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य लोगों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पानी पहुंचाना है, लेकिन ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से स्तरहीन निर्माण कार्य किए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।
जिले के पोड़ी विकासखंड मे केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल, हर घर जल का हाल बहुत बुरा है। पीएचई विभाग द्वारा बनाई जा रही करोड़ों रुपये खर्च कर जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकीयां सफेद हाथी साबित हो रही है। जिसके कारण यह योजना शुरू होने से पहले ही धाराशायी हो गई। दो माह पूर्व ग्राम पंचायत बंजारी मे बनाई गई पानी टंकी का हाल बत से बत्तर हो गया है, और तो और पानी टंकी के चारो तरफ बने बाउंड्री महज एक महीने मे ही टूट जमीदोज हो गया और पानी टंकी के चारो बेस में बड़ी बड़ी दरारे आ गई है, कुल मिलाकर बंजारी का पानी टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, वही प्रशासन व विभाग चुप्पी साधे बैठा है।
जल जीवन मिशन योजना कि बात करें तो इस योजना कों शासन कि राशि का बंदरबाट करने के लिए विभाग ने ठेका ले रखा है, ग्रामीणों कों तो इसका लाभ नहीं मिल रहा लेकिन ठेकेदार व विभाग के अधिकारी जरूर फल फूल रहे है,या यूँ कहे तो विकास कि गंगा अधिकारीयों व ठेकेदारों कि पास बह रही है। पोड़ी उपरोड़ा विकास खंड के प्रायरू ग्राम पंचायतो कि पानी टंकी भ्रष्टाचार कि भेंट चढ़ गई है। करोड़ो कि राशि का शासन कों चुना लगाया जा रहा है। गुणवत्ताहीन निर्माण के साथ निर्धारित मटेरियल का उपयोग निर्माण मे नहीं किया जा रहा है वजह यही है कि भारी भरकम टंकी का बेस भी कमजोर हो गया है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा होने से इंकार नही किया जा सकता।
वर्ष 2024 मई जून मे निर्माण किऐ गए पानी टंकी के चारो तरफ आहता (बाउंड्रीवाल) बनाया गया तहस। लेकिन यह बाउंड्रीवाल महज कुछ ही दिनों मे टूट कर गिर गया। ग्रामीणों ने बताया कि महज एक ही महीने हुए हैं बाउंड्रीवाल बने लेकिन दीवार इतनी कमजोर बनाई गई कि आज ऐ बाउंडीवाल पूरी तरह से धरासायी हो गया, इससे जाहिर होता है कि ठेकेदारों व विभाग कों ग्रामीणों कि समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है बल्कि अपनी जेब गरम करने के लिए भ्रष्टाचार कर निर्माण कार्य करने मे लगे हुए हैं। सबसे बड़ी बात की विभाग के इंजीनियर ऐसे कार्यों का सत्यापन कर ठेकेदारों से मोटी रकम वसूल लेते हैं। उन्हें निर्माण की गुणवत्ता से कोई मतलब नहीं। बंजारी मे हुए गुणवत्ताहीन निर्माण पानी टंकी कि जांच होती या नहीं, यह उच्चाधिकारियों की मानसिकता पर निर्भर करेंगा।