हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई के खिलाफ अब मैदान में आया सर्व आदिवासी समाज

आदिवासी मुख्यमंत्री की सरकार को आदिवासियों की बड़ी चुनौती

रायगढ़। सरगुजा के हसदेव अरण्य के बेशकीमती पेड़ों को काटने के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने सड़क पर उतर कर सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के आव्हान पर रायगढ़ जिले के सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों ने अदानी को जंगल में खदान के लिए अनुमति देने तथा अरण्य में लाखों की संख्या में पेड़ काटे जाने के विरोध में डॉ भीम राव अम्बेडकर प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया। वहीं समाज की ओर से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप कर विरोध जताया। समाज की ओर से दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने असवेधानिक ढंग से सरगुजा के हसदेव जंगल को अदानी के हवाले कर दिया है और वहां जंगलों की कटाई हो रही है जिसको लेकर सर्व आदिवासी समाज सहित उस क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश है और पुरे छत्तीसगढ़ में इसका विरोध किया जा रहा है। सरगुजा की ग्राम सभा में भी जंगल नहीं कटने देंगे और जमीन भी नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया गया है, बावजूद इसके सरकार ने खदान के नाम पर पूरा जंगल अदानी को दे दिया है। पाँचवी अनुसूची क्षेत्र के लिए बने नियम का पालन नहीं हो रहा है। पेसा क़ानून केवल कागजो में बन गया है, धरातल पर इसे लागू नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही सीतापुर में संदीप लकड़ा की ठेकेदार द्वारा हत्या कर शव जमीन में गाड़ देने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पायी है। हम आरोपी की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे है। समाज के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार को पुलिस का सरंक्षण प्राप्त है और पुलिस उसकी गिरफ्तारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो 15 नवंबर को रायपुर में रैली निकाली जावेगी और छत्तीसगढ़ बंद का अव्हान किया जावेगा।

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