हवन-पूजन के साथ विसर्जित हुईं गजानन प्रतिमाएं
कोरबा 16 सितंबर। प्रथम पूज्य भगवान गणेश का उत्सव समापन की तरफ बढ़ गया है। अनंत चतुर्दशी को हर तरफ विराजित प्रतिमाओं का विसर्जन नदी और जलाशयों में हो रहा है। अंतिम रूप से रात्रि तक यह प्रक्रिया जारी रहेगी। प्रशासन के निर्देश पर पुलिस ने नगर, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे स्थानों पर पर्याप्त निगरानी कराई है। आयोजकों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चर्तुर्थी को विघ्न विनाशक और मंगलवारी भगवान गणेश की प्रतिमाएं विधि विधान के साथ अपने घरों और संस्थानों के अलावा पंडालों में विराजित की। उनकी पूजा अर्चना का क्रम चतुर्दशी तक जारी रहा। इस दौरान सभी क्षेत्रों में गणपति के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उन्हें नैवैद्य अर्पित किया। उत्सव की परंपरा के अंतर्गत हवन पूजन जैसे कार्य शास्त्र सम्मत तरीके से कराए गए। इसके माध्यम से क्षमा याचना की गई और संकल्प लिए गए। इसके पश्चात् विभिन्न निर्धारित घाटों पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। सभी क्षेत्रों में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का अपार समूह उत्सव के अंतर्गत उमड़ा। यही हाल अनंत चतुर्दशी को विसर्जन पर भी रहा। चल समारोह के साथ प्रतिमाओं को आयोजन स्थल से घाट के लिए रवाना किया गया। रास्ते में लोगों ने उत्साह दिखाने के साथ जयघोष किया। किसी प्रकार की अव्यवस्था को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को निर्देशित किया गया था जिन्होंने अपने स्तर पर दायित्व निभााया।