बारिश के तेवर से बागवानी फसलों को नुकसान

फसल बीमा योजना का सहारा

कोरबा 08 सितंबर। माना जा रहा था कि भादो के पहले पक्ष में ही बारिश की विदाई हो जाएगी लेकिन यह सोचना अब गलत साबित हो रहा है। कांस के फूलने के पीछे इस तरह की धारणा है कि ऐसा होने पर बारिश के तेवर ढीले पड़ जाते हैं और वह लगभग समाप्ति की कगार पर पहुंच जाती है। लेकिन पिछले तीन-चार दिन से बारिश के बगावती रूकने लोगों और किसानों को परेशान किया।

लगातार हो रही तेज बारिश के कारण भले ही धान की फसल पर असर न पड़े, लेकिन बागवानी और दूसरी फसलों के लिए यह मुसीबत का कारण बनती जा रही है। कृषि क्षेत्र के जानकारों के अलावा लंबे समय से बागवानी फसल लेने वाला वर्ग बताता है कि जितनी मात्रा में पानी की जरूरत होना चाहिए, उसकी पूर्ति हो चुकी है। इससे अधिक बारिश का मतलब सब्जी बीजों के साथ-साथ उसके अब तक स्तर को नुकसान होना तय है। जो फसल परिपवक्ता की तरफ बढ़ रही है, उससे अब हमारी उम्मीदें टूट रही हैं। किसानों की चिंता इस बात को लेकर है कि बागवानी की फसलें नगद श्रेणी की होती हैं और उसे बेचने के बाद हमारे पास तुरंत राशि आती है। दूसरी फसलों के मामले में ऐसा नहीं होता । इसलिए इस सीजन की बारिश चुनौती से कहीं ज्यादा आर्थिक मोर्चा पर हमारी विफलता का जरिया बनती जा रही है।

कृषि विभाग ने बताया कि जिले में राज्य और केन्द्र प्रवर्तित फसल बीमा योजना से किसानों को उस स्थिति में सहारा मिलता है जब प्राकृतिक या दूसरे कारण से फसलों को नुकसान होता है। प्रति हेक्टेयर के हिसाब से इसके लिए लोगों को प्रिमियम देना होता है। एक ऐजेंसी के जरिये इस योजना पर काम किया गया है।

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