पोला त्यौहारः नांदिया बैला व खिलौनों की हुई बिक्री

कोरबा 02 सितंबर। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में वहां की लोक संस्कृति के हिसाब से तीज त्यौहार मनाने की परंपरा लंबे समय से बनी हुई है। हिंदी भाषी राज्यों के अलावा महाराष्ट्र में पोला पर्व धूम्धाम से मनाने का चलन काफी समय से बना हुआ है। सोमवार को यह पर्व मनाया गया। इससे पहले कोरबा के बाजार में पोला से जुड़ी हुई की दुकान लगी।

मुख्य रूप से कृषि पर आधारित वर्ग छत्तीसगढ़ के लगभग सभी क्षेत्रों में पोला त्यौहार मानता है। आधुनिक युग से बहुत पहले कृषि में सबसे अधिक उपयोगी भूमिका निभाने वाले बैलों और दूसरे संसाधनों की पूजा इस अवसर पर की जाती हैं। इसलिए बाजार में नांदिया बेला से लेकर जाता और अन्य खिलौने की दुकान लगी हुई है। सीतामढ़ी क्षेत्र की निवासी सुलोचना प्रजापति ने बताया कि पॉल पर इस प्रकार के सामान की मांग होती है। वह शहर में दुकान लगाकर इन सामानों का विक्रय करेगी। छत्तीसगढ़ में पोला त्यौहार के अवसर पर जगह-जगह किसानों के द्वारा अपने बैलों की पूजा करने के साथ उन्हें व्यंजन दिए जाएंगे। कुछ स्थानों पर बैलों के लिए प्रतियोगिताएं भी रखने का चलन है। छत्तीसगढ़ की विष्णु देव सरकार ने इस वर्ष पॉल आप पर अवकाश की घोषणा भी की है।

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