कोयला खदानों में उत्पादन के साथ डिस्पैच भी रोका जाएगाः ट्रेड यूनियन

केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने बैठक कर आंदोलन की बनाई रूपरेखा

कोरबा 25 जनवरी। केंद्र सरकार की श्रमिक, किसान समेत अन्य देश विरोधी नीतियों के विरूद्ध केंद्रीय श्रमिक संघ प्रतिनिधि एक दिवसीय हड़ताल करेंगे। तैयारी को लेकर आयोजित बैठक को श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने संयुक्त रुप से निर्णय लिया कि कोयला खदान में उत्पादन के साथ ही डिस्पैच भी रोका जाएगा। हड़ताल को शत प्रतिशत सफल बनाने ठेका मजदूरों को इसमें शामिल किया जाएगा।

संयुक्त ट्रेड यूनियन द्वारा 16 फरवरी को प्रस्तावित एक दिवसीय हड़ताल की तैयारी को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक ढेलवाडीह के जागृति क्लब में आयोजित की गई। इसमें एटक, एचएमएस, सीटू, इंटक व एक्टू के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हड़ताल में मजदूरों को शामिल करने के बेहतर ढंग से प्रचार प्रसार करने का निर्णय लिया गया। सभी यूनियन संगठन स्थर पर बैठक कर रूपरेखा तैयार करेंगे। इस मौके पर एटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हरिद्वार सिंह ने कहा कि संयुक्त मंच फसलों के उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी लागू करने व श्रमिकों को 26 हजार रुपये की न्यूनतम मासिक मजदूरी, चार श्रम संहिताओं को निरस्त करने, आईपीसी एवं सीआरपीसी में किए गए संशोधनों को निरस्त करने और रोजगार गारंटी को मौलिक अधिकार बनाने की मांग कर रहा है।

वरिष्ठ नेता दीपेश मिश्रा ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम), केंद्रीय श्रम संगठन ने देशव्यापी हड़ताल और ग्रामीण बंद बुलाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल को हर स्तर पर सफल बनाने श्रमिक संघ प्रतिनिधि जुट गए हैं। आंदोलन में केंद्रीय उपक्रम, राज्य शासन के उपक्रम व अन्य उद्योगों में कार्यरत मजदूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक, किसान और राष्ट्र-विरोधी नीतियों के खिलाफ औद्योगिक- क्षेत्रीय हड़ताल और ग्रामीण बंद के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर देशव्यापी हड़ताल होग। श्रमिक संगठन रेलवे, रक्षा, बिजली, कोयला, तेल, इस्पात, दूरसंचार, डाक, बैंक, बीमा, परिवहन, हवाई अड्डों, बंदरगाह के सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण नहीं करने की भी मांग कर रहे हैं। इस दौरान काफी संख्या में पदाधिकारी व संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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