लंबे समय से परेशानी का कारण बने नगर के रेल फाटक

कोरबा 20 नवम्बर। लंबे समय से प्रशासन, नगर निगम और रेलवे की ओर से केवल रेल फाटकों से जुड़ी समस्याओं को लेकर प्रस्ताव बनाने और सर्वे कराने का काम ही किया जा रहा है। परिणाम अभी भी नजर नहीं आ रहे हैं। यात्री और मालगाडियों के आने-जाने के दौरान दिन भर में अनेक मौकों पर बंद होने वाले फाटक अब हर किसी के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं।

किसी तरह नगर में एकमात्र फ्लाईओवर मुख्य मार्ग पर दो दशक पहले बना जिसकी उपयोगिता अभी बहुत ज्यादा साबित नहीं हो सकी है लेकिन इतना जरूर है कि शहर के भीतर से वाहनों के दबाव को कुछ कम किया गया है। लेकिन वर्तमान में इमलीडुग्गू, संजय नगर और डीएसपीएम चौराहे पर समस्या को हल करने के लिए फ्लाईओवर और अंडर ब्रिज की जरूरत महसूस की जा रही है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार इस तरफ न केवल बात हो रही है बल्कि अलग-अलग स्तर पर योजना बनाने के साथ सर्वे भी कराए जा रहे हैं। डीएसपीएम चौराहे की रेलवे क्रासिंग से जुड़ी समस्या और इसके कारण चार दिशाओं में होने वाली जनता की परेशानी को ध्यान में रखते हुए वाय आकार के फ्लाई ओवर के निर्माण का विचार किया गया। नगर निगम लगातार इस दिशा में सर्वे कराने पर भारी भरकम धनराशि खर्च कर रहा है। चुनावी वर्ष से पहले यहां तक प्रचारित किया जा चुका है कि रेलवे और राज्य शासन की भी भागीदारी के साथ फ्लाईओवर को तैयार कराया जाएगा। लोगों को दिखाने के लिए मिट्टी परीक्षण की कार्रवाई भी कर ली गई और इसके माध्यम से यह तय किया गया कि निचली सतह वाकई कितनी मजबूत है और तैयार होने वाली संरचना का भविष्य बेहतर होगा। इसके ठीक उल्टे संजय नगर रेलवे क्रासिंग के मामले में कई प्रकार की तकनीकी उलझने बताई जा रही है। नजदीक से बहने वाली हसदेव बांयी तट नहर के चलते किसी प्रकार के निर्णय नहीं हो सके हैं उल्टे अब क्रासिंग की सडक के पास रेलवे ने ओवरहेड लगाकर इसके दायरे को सकरा कर दिया है। वहीं इमलीडुग्गू रेलवे क्रासिंग से संबंधित समस्या के लिए न तो पहल हुई है और न तो काम। इन सबसे अलग इमलीछापर कुसमुंडा में ओवरब्रिज का काम शुरू कराया गया है।

कोरबा क्षेत्र में ऐसा कोई रास्ता नहीं बचा है जो जाम के चक्कर में हर किसी को परेशान कर रहा है। कोयला और राखड़ ट्रांसपोर्टिंग के अलावा दूसरे वाहनों के चलते इस तरह की समस्याएं हर कहीं पेश आ रही है। कुछ दलों ने चुनाव में इसे मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया।

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