रोजगार व पुनर्वास से जुड़ी मांगों को लेकर भू-विस्थापितों ने आर्थिक नाकेबंदी से पहले निकाली मशाल जुलूस

कोरबा 10 सितम्बर। रोजगार और पुनर्वास से जुड़ी मांगों पर छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में कोरबा जिले में भू-विस्थापितों के बीच सक्रिय दसियों संगठन लामबंद हो गए हैं और उन्होंने 11 सितंबर को रेल और सड़क मार्ग से होने वाली कोयला ढुलाई को रोककर आर्थिक नाकाबंदी करने की घोषणा की है।

इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए एसईसीएल कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने से मशाल जुलूस निकाला जिसमें बड़ी संख्या में भू. विस्थापित शामिल हुए। मशाल जुलूस के माध्यम से भू. विस्थापितों ने एकजुटता प्रदर्शन किया। आंदोलन को सफल बनाने के लिए आंदोलनकारी टोलियां बनाकर अनाज संग्रहण के जरिये भी ग्रामीणों से समर्थन मांग रहे है। भू.विस्थापितों के छोटे-बड़े सभी संगठनों के एकजुट होने का असर ग्रामीणों पर भी देखने को मिल रहा है।

11 सितंबर को बड़ी संख्या में उनके सड़कों पर उतरने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निपटारा करने, मुआवजा पूर्व में अधिग्रहित जमीन की वापसी, प्रभावित गांव के बेरोजगारों को खदान में काम देने, महिलाओं को स्वरोजगार तथा पुनर्वास गांव में बसे भू .विस्थापितों को काबिज भूमि का पट्टा देने आदि मांगों को लेकर अपने-अपने ढंग से लड़ाई लड़ रहे थे। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने उनको एकजुट करने की पहल की है। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू.विस्थापितों के संगठनों ने कहा है कि उनका आंदोलन तभी खत्म होगा, जब एसईसीएल प्रबंधन रोजगार, मुआवजा, बसावट, पट्टा और जमीन वापसी के सवाल पर उनके पक्ष में निर्णायक फैसला करेगा।

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