मुंशी प्रेमचन्द की जन्म अनोखे अंदाज में मनाई गई, प्रेमचंद थे अमर कथाकार महान गांधी वादी
कोरबा 01 अगस्त। हिन्दी के उपन्यास सम्राट और कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की 143 वीं जयंती के अवसर पर उन्हें अनोखे अंदाज में औद्योगिक नगर कोरबा के ग्रामीण अंचल के स्कूलों में छात्र छात्राओं के बीच पहुंच कर उनके साहित्य एवं व्यक्तित्व पर विमर्श किया गया। जब बच्चों से पूछा गया कि क्या आप जानते हैं कि आज किस लेखक का जन्म दिवस है तो एक छात्रा ने हाथ उठाकर बताया कि ईदगाह कहानी के लेखक मुंशी प्रेमचंद का आज 31 जुलाई को जन्मदिवस है ?। प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष एवं दैनिक लोक सदन के संपादक सुरेशचंद्र रोहरा कोरबा जिला के आदर्श गांव तिलकेजा के आत्मानंद हायर सेकंडरी स्कूल और पहंदा गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पहुंचे मुंशी प्रेमचंद के संदर्भ में बच्चों से संवाद किया और साहित्य का वितरण किया गया।
सुरेशचंद्र रोहरा ने अपने संबोधन में कहा कि प्रेमचंद को कथा सम्राट भीं कहा जाता है जिन्होंने रंग, कर्मभूमि गोदान, निर्मला, गबन जैसे अनेक उपन्यास लिखे और हिंदी साहित्य को समृद्ध बनाया। उन्होंने जो कहानियां लिखी हैं ईदगाह, कफन, पंच परमेश्वर, नमक का दरोगा, आहुति यह सभी कालजई रचनाएं हैं जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। मुंशी प्रेमचंद गांधी वादी साहित्यकार थे जिन्होंने अपनी कहानियों और उपन्यास में महात्मा गांधी के सिद्धांतों को रोचक तरीके से दिग्दर्शन कराया है जिससे पाठकों को गांधी जी को समझने की रुचि परिष्कृत हुई । उन्होंने कहा कि प्रेमचंद एक ऐसे कथाकार थे जिन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से मानव मन का बड़े ही सुन्दर तरीके से चित्रण किया है इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण है कहानी ईदगाह जिसमें एक नन्हा सा बालक हामिद अपनी दादी मां के लिए एक चिमटा खरीदता है ना ही कोई खिलौना। जबकि सारे बच्चे ईदगाह के मेले में खिलौने खरीद रहे थे। इस अवसर पर आत्मानंद हायर सेकेंडरी स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक राजेश पांडे और पत्रकार कुमार मनोज ने भी बच्चों को प्रेमचंद के संदर्भ में जानकारी दी। ग्राम पहंदा के प्राथमिक शाला स्कूल में पहुंच कर बच्चों से संवाद किया गया और उन्हें गांधी साहित्य वितरित किया गया।