अवैध निर्माण पर गरीबों पर कार्यवाही करने वाली मुंगेली नगर पालिका को नही दिख रहा विशालकाय काम्प्लेक्स का अवैध निर्माण,सीएमओ से है कार्यवाही की उम्मीद, बिना परमिशन तालाब किनारे बन रहा भव्य काम्प्लेक्स…

शुभांशु शुक्ला

मुंगेली। 29 अगस्त 2020

➡️ इस मामले में सीएमओ राजेन्द्र पात्रे द्वारा शिकायत मिलने पर उचित कार्यवाही करने की बात कही गयी।

कोई भी गरीब व्यक्ति अगर बड़ी मुश्किल से अपना मकान या जीवन-यापन के लिए छोटा दुकान बनवाता हैं तो नगर पालिका द्वारा उस पर तत्काल कार्यवाही करने की चेतावनी देती हैं कभी कभी कार्यवाही के नाम पर उगाही भी देखी गई हैं, पहले कई वर्षों से यह खेल नगर पालिका में चलता आया हैं, जिस पर कई बार गरीबों एवं जनता के कोपभाजन का शिकार नगर पालिका को होना पड़ा। परंतु सबसे बड़ी ताज्जुब की बात तो यह हैं कि मुंगेली नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत मल्हापारा शंकर मंदिर के आगे रवि गैस एजेंसी के सामने शंकर वार्ड में तालाब के सामने ही एक विशालकाय व्यवसायिक काम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा हैं, मुंगेली के अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता ने नगर पालिका से इस कॉम्प्लेक्स के सम्बंध में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी, जिस पर जनसूचना अधिकारी, भवन अनुज्ञा शाखा एवं लोक निर्माण शाखा ने आवेदक को जानकारी देते हुए बताया कि मुंगेली नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत मल्हापारा शंकर मंदिर के आगे रवि गैस एजेंसी के सामने शंकर वार्ड में तालाब के सामने बन रहे व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज, नस्ती, प्रमाणपत्र व जानकारी भवन अनुज्ञा शाखा नगर पालिका में नही हैं, और जानकारी को निरंक बता दिया गया।

अब यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह उठता हैं कि जब निर्माणाधीन उस व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के अनापत्ति सहित अन्य दस्तावेज नगर पालिका में नही हैं तो फिर किस आधार पर इतने बड़े कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा हैं ? क्या ये कॉम्प्लेक्स किसी बाहुबली का हैं ? या राजनीति से जुड़े किसी व्यक्ति का ? जिस पर कार्यवाही करने नगर पालिका के हाँथ कांप रहे, क्योंकि इस व्यवसायिक काम्प्लेक्स का बहुत काम जैसे छत ढलाई, दीवार निर्माण, सीढ़ी जैसे काम लगभग चल रहे उसके बाद भी क्या नगर पालिका के अधिकारियों या कर्मचारियों की नजर इस कॉम्प्लेक्स पर नही गई होगी ? ये तो विचारणीय प्रश्न हैं। जब इसकी जानकारी आम जनता को हुई तो लोगों ने स्पष्ट तौर पे कहा कि मुंगेली नगर पालिका में अभी वर्तमान CMO की कार्यशैली के कारण कमीशनखोरों और भ्रष्ट ठेकेदारों की नींद उड़ चुकी हैं और कोई भी मामला हो सीएमओ द्वारा तत्काल कार्यवाही की जाती हैं, ऐसे में अवैध रूप से बन रहे इस व्यवसायिक काम्प्लेक्स पर वर्तमान CMO द्वारा ही रोक लगाया जा सकता हैं, क्योंकि किसी अन्य अधिकारियों से कार्यवाही की उम्मीद नही की जा सकती। अब यह देखना होगा कि जनता की नजर में हीरो बन चुके CMO द्वारा इस अवैध व्यवसायिक काम्प्लेक्स निर्माण पर कब रोक लगाई जाती हैं या क्या कार्यवाही की जाती हैं ? कॉम्प्लेक्स के सम्बंध में नगर पालिका में कोई दस्तावेज नही हैं ऐसे में ऐसा कौन सा विभाग या अधिकारी हैं जिनके अनुमति से ये काम्प्लेक्स निर्माण कराया जा रहा, ये बात जनता जानना चाहते हैं।

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