कुल वेतन के औसत आधार पर टैक्स कटौती की जाएं, ट्रेड यूनियन

कोरबा 14 मार्च। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड अपने अधिकारियों और कर्मियों के आयकर के मुद्दे में दोहरे मापदंड अपना रहा है। अफसरों को सुविधा दी जा रही है तो कर्मियों की परेशानी बढ़ाई जा रही है। वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत से पहले यह मसला गर्म हो गया है। यह मांग उठ रही है कि कार्मिकों के कुल वेतन की गणना कर औसत आधार पर हर महीने के हिसाब से टैक्स कटौती की जानी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर असंतोष बढ़ेगा।

प्रबंधन के ध्यान में ट्रेड यूनियन की ओर से यह बात लाई गई है कि वर्ष के दिसंबर, जनवरी और फरवरी महीने में प्रत्येक कर्मी का औसतन इंकम टैक्स 70, 80 और 90 हजार रुपए काटा गया है जबकि इससे पहले के महीने में 11 और 12 हजार रुपए इंकम टैक्स की कटौती हो रही थी जो कि गलत है। ऐतराज जताने के साथ कहा गया है कि पहले की भांति वित्त वर्ष के प्रथम महीने से ही ग्रॉस इंकम टैक्स को 12 महीने में विभाजित कर 22 से 23 हजार रुपए प्रतिमाह काटा जाना था। शीर्ष प्रबंधन की जानकारी में यह बात लाई गई है कि अधिकारियों के मामले में वर्ष भर के इंकम टैक्स को प्रति महीने औसत के रूप में काटा जा रहा है। ऐसा किये जाने से अधिकारियों को वित्त वर्ष के अंतिम महीने यानी मार्च में कोई परेशानी नहीं हो रही है। इसी आधार पर मांग उठी है कि एसईसीएल दोहरा रवैया अपनाने के बजाय कर्मचारियों के प्रकरण में विगत वर्ष के कुल आयकर को 12 महीने में विभाजित कर इसका औसत निकाले और इस आधार पर प्रतिमाह इंकम टैक्स काटने की व्यवस्था करे। कहा गया है कि अधिकारियों के इंकम टैक्स में यह सुविधा उपलब्ध है। इन कारणों से कम्प्यूटर सेप एप्लीकेशन की त्रुटियां मुख्यालय का मुद्दा बोलकर इस विषय को किसी भी तरह से टाला नहीं जा सकता। भारतीय मजदूर संघ की ओर से संदीप मानिकपुरी ने शीर्ष प्रबंधन को इस मामले में पत्राचार किया गया है और कहा गया है कि व्यापक कर्मचारी हित में इस व्यवस्था को मजबूती के साथ अभी से ही प्रभावशील किया जाना चाहिए ताकि उन्हें राहत मिल सके।

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