पेंशन: छले गये नगरीय निकायों के अधिकारी- कर्मचारी, आक्रोश….

कोरबा 14 मार्च। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों के अधिकारियों कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस आशय का खुलासा नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अवर सचिव पुलक भट्टाचार्य के पत्र से हुआ है जो उन्होंने सभी नगरीय निकायों को प्रेषित किया है।

उल्लेखनीय है कि सभी शासकीय विभागों के लिए गत वर्ष नई पेंशन योजना की घोषणा की गई थी। इस घोषणा के बाद शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना का विरोध प्रारंभ कर दिया था। छत्तीसगढ़ शासन ने भारी विरोध को देखते हुए प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की घोषणा की थी। राज्य शासन की घोषणा के बाद शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों ने मान लिया था कि अब सभी हितग्राहियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा। राज्य शासन ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल भी कर दिया है। शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों को नई और पुरानी पेंशन योजना में से किसी एक योजना को चुनने का विकल्प भी दिया गया है। प्रदेशभर के अधिकारियों कर्मचारियों ने अपनी इच्छा के अनुसार योजना का चयन भी कर लिया है। लेकिन नगरीय निकायों अर्थात नगर पालिक निगम नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के अधिकारियों कर्मचारियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

आपको बता दें कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर प्रदेश भर के शासकीय अधिकारी कर्मचारियों ने हर्षोल्लास के साथ फटाके जलाकर, मिठाई बांटकर खुशी मनाई थी जिसमे नगरीय निकाय के अधिकारी कर्मचारी भी शामिल थे। परंतु भूपेश सरकार द्वारा नगरीय निकाय के अधिकारी कर्मचारियों को अंधेरे में रखने का प्रयास किया गया। काफी दिनों बाद भी जब पुरानी पेंशन योजना से संबंधित कोई आदेश निर्देश निकायों को प्राप्त नहीं हुआ तब नगरीय निकायों के अधिकारी कर्मचारियों ने इस संबंध में अपने उच्च अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। दबाव बनाने के नतीजतन नगरी प्रशासन के अवर सचिव को आखिरकार इस बात का खुलासा करते हुए पत्र जारी करना पड़ा। पत्र जारी होने के बाद से ही नगरीय निकाय के अधिकारी कर्मचारी खुद को भूपेश सरकार द्वारा ठगा महसूस कर रहे हैं और अंदर ही अंदर उनमें असंतोष उत्पन्न हो रहा है जो कभी भी वृहद आंदोलन का स्वरूप ले सकता है। बहरहाल देखना यह होगा कि चुनावी वर्ष में भूपेश सरकार का यह निर्णय विपक्ष के लिए संजीवनी ना साबित हो जाए?

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