बिलासपुर में केबल नेटवर्क का लाइसेंस निरस्त, क्या कोरबा में होगी जांच?
न्यूज एक्शन। बिलासपुर में मनोरंजन कर के नाम पर सरकार को प्रति माह लाखों रुपए का चूना लगाने वाले सीसीएन डिजिटल नेटवर्क का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स बिलासपुर ने यह कार्रवाई करते हुए चैनल संचालकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर उपस्थित होने कहा है। चैनल को ब्लैक लिस्टेड करने के साथ उस पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा। बिलसापुर में हुई इस कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या कोरबा में मनोरंजन कर की जांच संबंधित विभाग शुरू करेगी? या नहीं। कोरबा ही नहीं वरन् प्रदेश के लगभग सभी जिलोंं में केबल नेटवर्क का संचालन हो रहा है। बिलासपुर में हुई कार्रवाई के बाद प्रदेश के अन्य जिलोंं में भी कर चोरी की जांच होगी या नहीं यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद से बिलासपुर की सीसीएन डिजिटल नेटवर्क ने सेंट्रल एक्साइज को एक रुपए का भुगतान तक नहीं किया था। डायरेक्टर जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज की इंटिलेजेंस टीम को जांच कार्य में लगाया गया था। इंटिलेेजेंस टीम की जांच रिपोर्ट के बाद लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। बिलासपुर में की गई इस कार्रवाई ने प्रदेशभर के केबल नेटवर्क संचालकों की नींद उड़ा कर रख दी है। मनोरंजन कर के नाम पर शासन को चूना लगाने के मामले में अन्य जिले के केबल नेटवर्क संचालक भी लपेटे में आ सकते हैं। वैसे भी प्रदेश के किसी जिले में संबंधित विभाग की कार्रवाई होती है तो उसी तर्ज पर अन्य जिलों में भी कार्रवाई नजर आने लगती है। ऐसी परिस्थिति मेें कोरबा सहित अन्य जिलों में भी सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स की टीम द्वारा जांच किए जाने के आसार बढ़ गए हैं। बात की जाए कोरबा की तो यहां भी केबल नेटवर्क संचालित होता है। क्या यहां भी जीएसटी लागू होने के बाद से कर चोरी की जा रही है। इसकी जांच की जरूरत महसूस होने लगी है।
जीएसटी नियमों की आड़ में फर्जीवाड़ा
जीएसटी नियमों की आड़ में बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। जीएसटी लागू किए जाने के बाद स्थिति स्पष्ट नहीं थी कि मनोरंजन और सेवा कर चोरी पर कार्रवाई की सीधी जिम्मेदारी किस विभाग की बनेगी। स्टेट जीएसटी अधिकारी के जिम्मे कार्रवाई होगी या सेंट्रल एक्साइज सर्विस टैक्स विभाग मामले में कार्रवाई करेगा। जीएसटी के प्रावधानों के अनुसार सेंट्रल एक्साइज विभाग को वेट अधिनियम के तहत स्टेट जीएसटी के साथ मर्ज किया गया है। दोनों विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। इस बात का फायदा केबल संचालक पिछले कई वर्षों से उठा रहे हैं। अब कार्रवाई होने के बाद शासन को लाखों का चूना लगाने वाले केबल संचालकों के होश उड़ गए हैं। माना जा रहा है कि बिलासपुर में हुई कार्रवाई के बाद अन्य जिले के केबल नेटवर्क संचालकों पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी। मनोरंजन कर के नाम पर शासन को हर माह क्षति पहुंचाने वाले केबल नेटवर्क संचालकों पर विभाग ने निगाह टेढ़ी कर दी है।