पुलिस ने मार्केटिंग कंपनी से रकम वापस दिला युवकों को किया गृहग्राम रवाना
कोरबा 23 अप्रैल। शहर में कई ऐसी मार्केटिंग कंपनियां संचालित है, जहां बेरोजगारों को अच्छी नौकरी व वेतन का सब्जबाग दिखाकर लूटा जा रहा। यदि कोई बेरोजगार नौकरी की लालच में एक बार फंस गया तो उसके लिए कंपनी से बाहर निकलना चुनौती से कम नहीं है। ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें मीडियाकर्मियों के सहयोग से दो युवक थाना तक पहुंचने में कामयाब हो गए। उन्होंने पुलिस के सामने अपनी आपबीती सुनाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए न सिर्फ दोनों युवक को कंपनी के चंगुल से बाहर निकाला, बल्कि उनकी जमा राशि वापस दिलाते हुए गृहग्राम के लिए रवाना किया।
यह पूरा वाक्या सिविल लाइन रामपुर थाना क्षेत्र की है। दरअसल मीडियाकर्मियों को दो युवक ने वाट्सअप कालिंग कर सूचना दी कि वे पड़ोसी जिले के रहने वाले हैं। उन्हें खरमोरा क्षेत्र में संचालित जीपीआई कंपनी के कैंप से निकलने नहीं दिया जा रहा, जबकि वे काम छोड़कर जाना चाहते हैं। उन्होंने किसी तरह लुक छिपकर कॉल करने की बात कही। उन्होंने कंपनी के कैंप का लाइव लोकेशन भेज दिया, जिसकी मदद से मीडियाकर्मी खरमोरा-दादर मार्ग में एक स्थान पर पहुंचे। इसकी जानकारी होने पर नजरें बचाकर दोनों युवक बाहर आ गए। वे मीडियाकर्मियों की मदद से सिविल लाइन थाना पहुंचने में कामयाब हो गए। थाना प्रभारी सुमन पोया को पूछताछ के दौरान युवकों ने अपना नाम बिलासपुर जिले के कोटा इमलीपारा निवासी टारजन कुमार टांडे (18) व रितिक पात्रे (18) बताया। उन्होंने जानकारी दी कि गांव का रहने वाला रवि नामक उनके खास दोस्त ने कोरबा में जीपीआई नामक कंपनी संचालित होने की जानकारी दी। उसे कंपनी में बेहतर काम व अच्छी पगार मिलने की बात कही थी। उसकी बातों में आकर वे दोनों भी खरमोरा स्थित कंपनी के कैंप पहुंचे, जहां कंपनी के मैनेजर इंटरव्यूह लिया। उसके सवालों को जवाब नहीं दे सके, इसके बाद भी चयन से थोड़ा संदेह हुआ, लेकिन वे समझ नहीं सके।
उन्होने मैनेजर के कहने पर 18 हजार 400 व 17 हजार 400 रुपये किसी गेंदले के खाते में ऑनलाइन भुगतान कर दिया। कंपनी के कैंप में रख उन्हें जनउला (छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान संबंधी खेल) पूछा जा रहा था। इसे प्रशिक्षण का नाम दिया जा रहा था। कैंप में घुटन महसूस करने पर युवकों ने काम नहीं करने की बात कही। यह बात मैनेजर सहित उसके सहयोगियों को नागवार गुजरी। उन्होंने दोनों युवक के कैंप से निकलने पर पाबंदी लगा दी। हद तो तब हो गई, जब बिना रकम लिए घर जाने की बात कहने पर भी एतराज जताने लगे। उनके बाहर निकलने पर पीछा करना शुरू कर दिया।
थाना प्रभारी पोया ने आला अफसरों को मामले से अवगत कराया। उनके निर्देश पर पुलिस दोनों युवक को लेकर खरमोरा स्थित कंपनी के कैंप पहुंची, जहां दो दर्जन से अधिक युवक मौजूद थे। वे सभी कंपनी में नौकरी के नाम पर ही कैंप में ठहरे हुए थे। पुलिस ने मैनेजर को जमकर फटकार लगाई। उसे थाना तलब किया गया। साथ ही पुलिस दोनों युवक को सामान सहित थाना ले आई, जहां कंपनी से युवकों को उनकी जमा रकम वापस दिलाई गई। इसके साथ ही दोनों युवक को गृहग्राम के लिए रवाना किया गया है।