जंगल विभाग में जंगल राज: पाली परिक्षेत्र के जेमरा जंगल में कट गए सैकड़ों पेड़, कोरबा के बाद कटघोरा डिवीजन में हो रहा वन संहार
कोरबा 16 सितम्बर। जिले के कोरबा और कटघोरा वन मण्डल में अवैध बांस कटाई के बाद बेशकीमती इमारती लकड़ियों के पेड़ों की धड़ल्ले से अवैध कटाई हो रही है। वह विभाग का अमला इन मामलों में शामिल है या वह पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहा है? यह उच्चस्तरीय जांच का विषय है।
जानकारी के अनुसार जिले के कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पाली वन परिक्षेत्र में पदस्थ अधिकारी- कर्मचारियों की निष्क्रियता एवं अनदेखी से ग्राम जेमरा के दर्राहापारा में मुख्यमार्ग से चंद कदम की दूरी पर जंगल के एक बड़े हिस्से से सैकड़ों पेड़ों का सफाया कर दिया गया है। कथित रूप से ऐसा कृत्य स्थानीय कुछ ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर कब्जा की नीयत से किया जा रहा हैं।
पाली से चैतुरगढ़ मुख्यमार्ग पर नागोईभांठा व जेमरा के बीच स्थित ग्राम दर्राहापारा में मार्ग से महज 20 मीटर दूर सैकड़ो छोटे- बड़े साल, तेंदू, चार के पेड़ों को बेदर्दी से काटकर कोई 10 से 12 एकड़ वनभूमि पर अवैध कब्जा का प्रयास कुछ ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।जमीन कब्जा हेतु जंगल कटाई का यह मामला आसपास तो चर्चित हो चला है किंतु इस क्षेत्र के देखरेख के लिए तैनात वनकर्मियों के संज्ञान में नही होना या फिर जानबूझ कर ध्यान नही दिये जाने से ग्रामीणों के हौसलों को बल मिल रहा है तथा अन्य ग्रामीण भी देखा देखी वनभूमि पर कब्जा करने की फिराक में है। दरअसल यह मामला केवल जंगल कटाई का नही है बल्कि इसके आड़ में पट्टा हासिल करने का भी माना जा रहा है। जंगल की कटाई वही लोग कर रहें है जिन्होंने वनभूमि पर वर्षो पूर्व से कब्जा होने सम्बंधित अधिकार पट्टा का आवेदन किया है तथा जंगल की कटाई करने वाले ये समझ रहे हैं कि जंगल उजाड़कर वनभूमि पर कब्जा करने के साथ ही उन्हे पट्टे की शक्ल में उक्त भूमि का अधिकार पत्र मिल जाएगा। ऐसे में पाली वनपरिक्षेत्र के अधिकारी- कर्मचारियों की अनदेखी व निष्क्रियता जंगल उजाड़ कर वनभूमि पर कब्जा करने वालों को और मजबूत बना रही है। पाली परिक्षेत्र की कमान ऐसे परिक्षेत्राधिकारी के हाथों सौंप दिया गया है जो विभागीय कार्यालय में बैठे- बैठे अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे है और फील्ड में तैनात कर्मचारी अपने अधिकारी के इस उदासीनता का फायदा उठा जंगलों को कब्जाधारियों के हवाले सौंप अपने- अपने घरों मे आराम फरमा रहे है जिसका नतीजा यह हो रहा है कि हरियाली से आच्छादित पाली परिक्षेत्र के जंगलों की बेतहाशा कटाई हो रही है।