पति की मौत के सदमें में पत्नी ने तोड़ा दम, एक साथ निकली अर्थी

कोरबा 10 दिसंबर। प्रगति नगर दीपका में निवासरत एक वद्ध दंपति विवाह के बाद 72 साल एक साथ रहे और अंतिम समय में दोनों ने एक साथ इस दुनिया को अलविदा कह दिया। पति की मृत्यु के बाद अर्थी अभी सजी ही नहीं थी कि पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। दोनों की एक साथ अंतिम यात्रा निकाली गई और मुक्तिधाम में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इसे देख लोगों की आंखे नम हो गई।

साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका परियोजना में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत बेटे संतोष कुमार सिन्हा प्रगतिनगर दीपका में निवासरत हैं। उनके पिता वशिष्ठ नारायण सिन्हा 95 वर्ष व मां रमावती देवी 84 वर्ष भी उनके साथ रहते थे। बताया जा रहा हैं कि मूलतः बिहार निवासी वशिष्ठ नारायण की शादी को 72 साल हो चुके थे। लंबे समय से बीमार चल रहे वशिष्ठ नारायण का इलाज चल रहा था। बुधवार दोपहर तीन बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। स्वजनों ने शव को गेवरा स्थित विभागीय अस्पताल की मर्च्युरी में रख दिया था, ताकि बिहार से अन्य स्वजनों के आने के बाद अंतिम संस्कार किया जाए। सभी स्वजन दूसरे दिन गुरुवार को दीपका पहुंचे, इसके साथ ही अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी गई। इसी बीच वशिष्ठ नारायण की पत्नी रमावती देवी भी पति की मौत पर बार- बार रोते-रोते बेहोश हो रही थी और अंततः 72 सालों के जीवन सफर में जीवन साथी से बिछड़ने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकीं और उसने भी दम तोड दिया।

शादी के मंडप पर जन्म-जन्म का साथ निभाने की कसम खाने वाली इस जोड़ी को दीपका कोयलांचल क्षेत्र में निवासरत स्वजन, परिचित लोगों ने आखिरी विदाई दी गई। दोनों की शवयात्रा भी एक साथ निकाली गई और स्थानीय मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार एक साथ एक ही चिता पर किया गया। वशिष्ठ के पुत्र व सीनियर मैनेजर संतोष कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके माता-पिता का विवाह सन 1951 में हुआ था। मां-पिताजी का समाज और परिवार में बहुत सम्मान और आदर था। लोग उनसे सलाह मशविरे के लिए सदैव घर आते थे। 72 सालों में दोनों के बीच कभी लड़ाई झगड़ा या मनमुटाव नहीं देखा। इस तरह माता- पिता एक साथ उनका साथ छोड़ जाएंगे। इसकी उम्मीद नहीं थी।

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