विधानसभा निर्वाचन में गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारी पर कार्रवाई की मांग
कोरबा 02 दिसम्बर। जिले के विधानसभा निर्वाचन में गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने वाले लापरवाह अधिकारियों.कर्मचारी पर कुछ लोगों को मतदान से वंचित करने व कुछ फर्जी हुए मतदान के परिपेक्ष में जांच कर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग लोक जनशक्ति पार्टी के कोरबा क्षेत्र के प्रत्याशी राजकुमार दुबे ने की है।
जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि कोरबा जिले में विधानसभा निर्वाचन 2023 के निर्वाचन में घोर लापरवाही बरती गई है। कई सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी लापरवाही संबंधी समाचार प्रकाशित किए गए हैं, कुछ निर्वाचन अधिकारियों व कर्मचारी की लापरवाही के कारण कोरबा निर्वाचन प्रक्रिया दागदार हुई है, एंवम जिसका उदाहरण स्वरूप निमन बातें प्रदर्शित कर रहा हूं,जिससे यह सिद्ध होता है कि फर्जी मतदान, एवम कुछ लोगों को मतदान से वंचित भी किया गया है, जो कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के साथ-साथअधिकारो का भी हनन भी कोरबा में हुआ है, क्या कोरबा जिले में निर्वाचन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्षता पूर्ण रही हैं?
1. जिला निर्वाचन कार्यालय के नाक के नीचे स्थित (1)डीगापुर मतदान केंद्र 131 में सरलध् मतदाता क्रमांक 42 रंजना तिवारी के नाम पर फर्जी मतदान हो जाने के कारण युक्त मतदाता अपने मताधिकार से वंचित रह गई, (2) मतदान केंद्र क्रमांक 127 मतदाता क्रमांक 24 बबली भारद्वाज के नाम पर भी फर्जी मतदान कराया गया है,जो रिकॉर्डडेड है,
2.(1)सैकड़ो की संख्या में अन्य संस्थाओंध् विभागों से कर्मचारी व अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव के लिए सुनिश्चित की गई थी, लेकिन उनकी ड्यूटी निर्वाचन में प्रत्यक्ष रूप से नहीं लगाई गई, और बैलट पेपर भी उनके नाम पर कब इशू किया गया उन्हें पता तक नहीं चला, यानी बताया नहीं गया,और जब उक्त कर्मचारी अपने मतदान केंद्र पहुंचे तब उन्हें पता चला की उनके नाम पर वैलेट पेपर इशू हो गया है, इसलिए मतदान नहीं कर पाएंगे, वह सभी कर्मचारी ना तो बैलट पेपर से वोट दे सके, और न ही ईवीएम मशीन के माध्यम से वोट दे सके, जबकि यह निर्वाचन प्रक्रिया का संचालन करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों की घोर लापरवाही है,(2) सर्वमंगला मंदिर में स्थित वृद्धा आश्रम में जीवन यापन कर रहे वृद्धो का मेरे द्वारा शिकायत के बाद भी मतदाता सूची में सभी का नाम नहीं जोड़े जाने के कारण वह मतदान से वंचित रहे,
3.मतदान केन्द्रों मे मोबाइल ले जाना माना था, तो कुछ बड़ी पार्टी के प्रत्याशियों की फोटो वॉलेट यूनिट के पास कैसे खींची गई है,और उसे सार्वजनिक भी कि गई, सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है,क्या यही पारदर्शी और निष्पक्षता पूर्ण चुनाव का प्रमाण है, जबकि सभी चुनावी एक्टिविटी पर जिला निर्वाचन एवं आयोग की पूरी नजर बनी हुई थी। मेरे द्वारा पीठासीन अधिकारी, सेक्टर ऑफिसर, रिटर्निंग ऑफिसर कोरबा यहां तक की कोरबा निर्वाचन प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए भेजे गए प्रेक्षक- भारत निर्वाचन आयोग से निवेदन किया गया कि मुझे वॉलेट यूनिट दिखाया जाए जहां मैं मौजूद हूं, लेकिन कोई भी अधिकारी वॉलेट यूनिट दिखाने के लिए तैयार नहीं हुए, जबकि शायद कोई भी धारा, उप धारा अनुच्छेद या नियमावली में स्पष्ट नहीं लिखा गया है,कि किसी प्रत्याशी को शिकायत होने के बाद भी बैलेट यूनिट ना दिखाई जाए? यदि कोई नियम व नियमावली ऐसी बानी हो तो उसे मुझे उपलब्ध कराई जाए, कोरबा विधानसभा व कोरबा जिले में और लगभग दर्जनों जगह फर्जी मतदान हुए होंगे,यह लगभग तय है,सीसीटीवी के माध्यम से जांच कर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है, निर्वाचन प्रक्रिया में लगे अधिकारियों , कर्मचारी के संरक्षणध्सहयोग के कारण ही फर्जी मतदान संभव हो सका है, जिस वॉलेट यूनिट के पास निवेदन के बाद भी प्रत्याशी नहीं जा सके,वहां पर फर्जी मतदाता को वॉलेट यूनिट तक भेज भी गया, और उनसे फर्जी मतदान भी कराया गया, जो आज भी रिकॉर्ड में हैं, चुनाव प्रक्रिया के दरमियान बहुत सारे अधिकारी व कर्मचारी या तो पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं किए गए, या तो अनुभवहीन लोगों की जानकर ड्यूटी लगाई गई।
इस शिकायत पर जांच कर सख्त से सख्त कार्यवाही करें ताकि भविष्य में होने वाले चुनाव और भी निष्पक्ष व पारदर्शिता के साथ संपन्न कराये जा सके, मेरे द्वारा आदर्श आचार संहिता लगने के पूर्व व आदर्श आचार संहिता के दरमियान में भी लिखित रूप से शिकायत प्रस्तुत कर यह कहा गया था,कि कुछ अधिकारीध्कर्मचारी चुनाव को प्रभावित करेंगे निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देंगे, और वह इन तमाम सारे बिंदुओं से स्पष्ट भी हो गया कि यदि समय रहते शिकायतों का निराकरण निष्पक्षता पूर्ण किया गया होता तो ऐसी नौबत नहीं आती।