सार्वजनिक उपक्रम के 374 अधिकारी-कर्मचारी रहे मतदान से वंचित
कोरबा 18 नवंबर। एसईसीएल समेत अन्य सार्वजनिक उपक्रम के 374 अधिकारी- कर्मचारी मतदान देने से वंचित हो गए। इन कर्मियों की चुनाव ड्यूटी लगाई गई थी, इसलिए उनसे डाक मतपत्र के लिए आवेदन लिया था, पर बाद में ड्यूटी नहीं लगाई। इससे कर्मी डाक मत पत्र व इवीएम दोनों से मतदान करने से वंचित रह गए।
जिले के चार विधानसभा कोरबा, कटघोरा, रामपुर और पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र के लिए शुक्रवार को मतदान की प्रक्रिया पूर्ण की गई। इस दौरान एसईसीएल कोरबा के अधिकारी- कर्मचारी अपने बूथों में मतदान करने पहुंचे तो कई के नाम पर डाक मतपत्र जारी होने की बातें सामने आई। इससे अधिकारी- कर्मचारी चौंक गए। उन्होंने जानकारी ली तो पता चला कि जिला निर्वाचन कार्यालय ने एसईसीएल समेत तमाम पब्लिक सेक्टरों से माइक्रो आब्जर्वर के लिए नाम मांगे थे।
इसमें एसईसीएल, एनटीपीसी व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों से 474 अधिकारी- कर्मचारियों का नाम भेजा गया था। निर्वाचन विभाग के सभी कर्मियों को नियमानुसार प्रशिक्षण भी दिया गया। इस दौरान प्रशिक्षण में शामिल अधिकारी- कर्मचारी से डाक मत पत्र के लिए आवेदन भी लिया गया, लेकिन बाद में सिर्फ 100 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। एसईसीएल कोरबा के जीएम आफिस में पदस्थ लिपिक भुवनेश्वर का कहना है कि निर्वाचन संबंधी तमाम सूचनाएं विभाग के माध्यम से मिलती रही, लेकिन ड्यूटी नहीं लगाए जाने की सूचना दफ्तर से नहीं दी गई, इससे सभी अधिकारी- कर्मचारी निश्चित थे। उन्हें लग रहा था कि अब बूथों में जाकर ही मतदान करेंगे। इसके विपरीत बूथ में पहुंचने पर डाक मत पत्र जारी होने की बातें सामने आई।
उनका कहना है कि कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगाए जाने संबंधी सूचना अखबार में प्रकाशित करने की बात कही जा रही है। इससे कर्मचारियों के सामने ऊहापोह की स्थिति निर्मित हुई। नियमानुसार कार्यालय के माध्यम से ही ड्यूटी निरस्त होने की जानकारी दी जानी थी। बहरहाल मतदान नहीं कर पाने से 374 अधिकारी कर्मचारियों के चेहरे पर आक्रोश व्याप्त रहा।