मतदाताओं को साधने पर ध्यान दे रहे राजनीतिक दलों के प्रत्याशी
कोरबा 11 नवम्बर। एक सप्ताह बाद मतदाताओं तय करेंगे कि उनके मन में क्या चल रहा है और वे ईवीएम पर कौन से नंबर का बटन अपनी अंर्तआत्मा की आवाज पर दबाएंगे। इससे पहले दीपावली को ध्यान में रखते हुए मतदाताओं को साधने के लिए अनेक प्रत्याशी अपने तरीके से कोशिश में जुटे हैं। इसके साथ ही उनके सर्विस प्रोवाइडर पर दूसरे तंत्र से निगरानी भी कराई जा रही है कि जो सामान उन्हें दिया गया है, वह पात्र लोगों तक पहुंच रहा है या नहीं।
कोरबा और कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की व्यवस्था को लेकर खबरें लगातार आ रही है। यह सब वर्चस्व और भविष्य को ध्यान में रखने के साथ किया जाना लाजिमी समझा जा रहा है। बताया गया कि मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से पहले ही घोषणा पत्र जारी कर दिया गया है और कई लुभावने बिंदु उसमें शामिल किये गए हैं। निःसंदेह इनका काफी असर मतदाताओं की मानसिकताओं पर होगा ही। इसके बावजूद कई फैक्टर ऐसे होते हैं जो मतदाताओं की अपेक्षा को और ज्यादा बढ़ाने का जरिया बनते हैं। ऐसे में सक्षम श्रेणी वाले राजनीतिक दल अपने स्तर पर गोपनीय तरीके से ऑफर को लांच करते हैं, चुनाव के सीजन में यह सब सामान्य माना जाता है और इस बार भी इस प्रयोग को जमीन पर उतारा गया।
सूत्रों ने बताया कि कहीं शॉल तो कहीं मौसम के हिसाब से गर्म कपड़े और कहीं-कहीं दीपावली की मिठाई से लेकर दूसरे उपहारों के माध्यम से मतदाताओं के साथ अपने रिश्तों को फेविकोल के जोड़ जैसी मजबूत कोशिश की जा रही है। अलग-अलग तरह की वेरायटी और श्रेणीकरण तय करने के साथ ऐसे कामों को परवान चढ़ाया जा रहा है। अब जबकि संबंधितों ने बहुत बड़ी जोखिम ली है और इसे पूरा करने की जिम्मेदारी भी ली है ऐसे में जरूरी यह भी हो जाता है कि संबंधित वर्ग तक सामान पहुंच भी रहा है या नहीं। इसलिए पीछे से पर्याप्त निगरानी भी लगाई गई है जो अपने-अपने तौर-तरीकों से क्षेत्रों में नजर रखे हुए हैं। बताया जाता है कि वितरण के कुछ घंटे बाद दूसरी टीम पहुंच जाती है जो लोगों से मिलकर इस बात की टोह लेती है कि उनके पास अब तक कौन-कौन आया और क्या बातें हुई साथ ही उनसे क्या कुछ मिला। ऐसी स्थिति में सेवाएं प्रदान करने वाले वर्ग के लिए मार्जिन बचाने में दिक्कत हो रही है। साथ ही इस बात का भय भी बना हुआ है कि कहीं पकड़े जाने पर फजीहत न हो।
चूंकि विधानसभा चुनाव का प्रचार चल रहा है इसलिए पिछली घटनाएं लोगों के मुंह में बरबस ही याद आ रही है।
याद रहे पिछले चुनाव में कोरबा विधानसभा क्षेत्र से ही एक प्रत्याशी के द्वारा बालकोनगर क्षेत्र में मतदाताओं को साधने के लिए संसाधन दिए गए थे और कुछ लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। नतीजों के आने पर मामला उल्टा हो गया। ऐसे में प्रत्याशी की नाराजगी स्वाभाविक थी। उसने अपने सूत्रों से जानकारी जुटाने के साथ न केवल इस पर संज्ञान लिया बल्कि खिंचाई भी की। इस चक्कर में एक व्यक्ति ने निपट गया था।