बच्चों को खिलाई जाएगी कृमिनाशक एल्बेंडाजाल की गोली आज
कोरबा 10 अगस्त। स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में जिले भर में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 अगस्त को मनाया जाएगा। इस कड़ी में सभी आंगनबाड़ी केंद्रों एवं शासकीय विद्यालयों, शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओं, मदरसों, निजी स्कूलों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों के माध्यम से आगामी 10 अगस्त को एक से 19 वर्ष के बच्चों, किशोर एवं किशोरियों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजाल गोली खिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चों के लिए मापअप दिवस 17 अगस्त मनाई जाएगी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए सीएमएचओ ने बताया कि कृमि मुक्ति दिवस के दिन बच्चों को दवा सेवन अवश्य कराया जाना चाहिए जिससे कि बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण का स्तर, बौद्धिक विकास के साथ एनीमिया के रोकथाम में सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि पेट के कीड़े मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या गंभीर परिणाम सामने ला सकती है। पेट के कीड़े कृमि के नियंत्रण को ध्यान दिलाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है। पेट में पाये जाने वाले कृमि जैसे राउंड वर्म, विहप वर्म तथा हुक वर्म शरीर पर गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल विकास विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से किया जाएगा।
दवा सेवन कराने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उम्र अनुसार दवा सेवन किया जाना है। जिसमें एक से दो वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजाल की आधी गोली चूरा पीस करके पानी के साथ मिलाकर चम्मच से पिलाई जाए। दो से तीन वर्ष बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजाल की एक पूरी गोली चूरा या पीस करके पानी के साथ सेवन कराया जाना है। दो से तीन वर्ष तक के बालक एवं बालिकाओं को एल्बेंडाजाल की एक पूरी गोली चूरा या पीस करके पानी के साथ सेवन कराया जाना है तथा तीन वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों एवं किशोर.किशोरियों को एक एल्बेंडाजाल की पूरी गोली चबा कर पानी के साथ सेवन कराई जानी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कृमि नाशक दवा एलबेंडाजोल किशोर एवं किशोरियों के लिए सुरक्षित है बच्चों के शरीर में कृमि के कारण कुछ मामूली सामान्य प्रतिकूल प्रभाव जैसे जी-मितलाना, उल्टी.दस्त, पेट में हल्का दर्द और थकान अनुभव होने की संभावना हो सकती है। जिसे स्कूल तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में ही देख-भाल करते हुए आसानी से ठीक किया जा सकता है। इन परिस्थितयों में बच्चों को खुली छायादार जगह में लेटाकर आराम कराए तथा पानी पिलाएं। अगर कोई बच्चा पहले से बीमार है तो उसे एलबेंडाजोल की गोली ना दें।