छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा: संभावित मुख्यमंत्री के बारे में कयासों का बाजार गर्म

गेंदलाल शुक्ल

रायपुर 16 मई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा के राजधानी प्रवास के बाद कांग्रेस सहित राजनीतिक हल्के में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की संभावित कार्रवाई के जेरे- साए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हटाने की चर्चा सरगर्म है। प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम अथवा स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को दिए जाने का कयास लगाया जा रहा है। अगले दो-तीन दिनों में कोई नतीजा आने की उम्मीद जताई जा रही है।

आपको बता दें कि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा बिना प्रोटोकॉल के मंगलवार को एकाएक रायपुर पहुंची। कुमारी शैलजा सीएम हाउस पहुंची, जहां उन्होंने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की बैठक ली। कुमारी शैलजा का इस तरह एकाएक रायपुर आना और सीएम हाउस में बैठक लेना राजनीतिक और प्रशासनिक हलके में सनसनी पैदा करने वाला साबित हुआ है। बैठक के बाद कुमारी शैलजा वापस दिल्ली लौट गई हैं। लेकिन अपने पीछे उन्होंने तरह तरह की चर्चाओं को हवा दे दिया है।

कुमारी शैलजा का यह प्रवास इसलिए भी सनसनीखेज बन गया है, कि पिछले हफ्ते ही उनका रायपुर आगमन हुआ था और उन्होंने सीएम हाउस में मंत्रिमंडल की बैठक ली थी, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ कतिपय मंत्रियों ने कथित रूप से बगावती तेवर दिखाया था। आरोप लगाया गया था कि मुख्यमंत्री प्रदेश में एक तरफा शासन चला रहे हैं और मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य की, प्रदेश का प्रशासनिक अमला कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने ही लगाए गए इस तरह के कथित आरोपों के चलते कांग्रेस हाईकमान भी चिंता ग्रस्त बताया जा रहा है। इस साल के आखिरी में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है और माना जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आक्रोश चुनाव में नुकसान पहुंचा सकता है। चर्चा है कि इसी वजह से प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने की सुगबुगाहट शुरू हुई है।

छत्तीसगढ़ सरकार में नेतृत्व परिवर्तन का एक बड़ा कारण प्रदेश में जारी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की कार्रवाई को भी माना जा रहा है। ईडी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी समझे जाने वाले कई लोगों पर कोल ट्रांसपोर्ट स्कैम और शराब घोटाला को लेकर शिकंजा कसा है। चर्चा यह भी है कि अब ईडी के निशाने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं आ गए हैं। अगर ऐसा होता है तो निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी अपना दामन बचाने के लिए प्रदेश सरकार का नेतृत्व परिवर्तन भी कर सकती है। इस बीच बताया जा रहा है कि ईडी ने प्रदेश में बड़ी संख्या में महिला बल भी बुला लिया है, जिससे ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में ईडी की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई की जाने वाली है। यह कार्रवाई ऐसी हो सकती है, जिसमें महिला सुरक्षा बल की भूमिका अहम होगी। इसका सीधा सा अर्थ यह लगाया जा रहा है कि ईडी की अगली कार्रवाई के दौरान महिलाओं पर शिकंजा कसा जा सकता है।

राजधानी रायपुर में ऐसी चर्चा भी सरगर्म है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को केंद्र में कोई दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। उनके स्थान पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम अथवा स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को मुख्यमंत्री पद से नवाजा जा सकता है। चर्चा है कि ओबीसी मुख्यमंत्री बनाने की नौबत आने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के सिर पर ताज सजाया जा सकता है। इससे ओबीसी समुदाय में संभावित असंतोष को रोका जा सकता है। जबकि प्रदेश के अनुसूचित जनजाति समुदाय में व्याप्त आक्रोश को समाप्त करने की रणनीति पर काम किया जाता है, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया जा सकता है। जबकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का पार्टी पर नियंत्रण को बल देने और उनके फैसलों पर अमल का भरोसा जगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

इस घटनाक्रम के पीछे कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को मिली भारी बढ़त की भी भूमिका बताई जा रही है। कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में कर्नाटक में सिद्धा रमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री का फार्मूला रखा गया था, लेकिन उस प्रस्ताव को कथित रूप से अस्वीकार कर दिया गया। इतना ही नहीं खुले शब्दों में कथित रूप से यह भी कह दिया गया कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह फार्मूला फेल हो चुका है, इसलिए कर्नाटक के मामले में इस पर किसी तरह का विचार नहीं किया जाना चाहिए। इस घटनाक्रम से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कर्नाटक चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करने वाले राहुल गांधी पर उठाया गया सवाल छत्तीसगढ़ के घटनाक्रम के पीछे का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। बहरहाल राजधानी में सरगर्म चर्चा है कि अगले दो-तीन दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में कोई बड़ा उठापटक हो सकता है।

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