कोल कर्मियों के अधिक वेतन पर आफिसर एसोसिएशन की आपत्ति
11 वां वेतन समझौता को लेकर जेबीसीसीआद की बैठक में 19 प्रतिशत एमजीबी पर बनी सहमति
कोरबा 24 अपै्रल। कोयला कर्मियों के 11 वां वेतनमान में मिनिमम गारंटी बेनीफिट को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। आफिसर्स एसोसियेशन ने कर्मचारियों का वेतनमान अधिक होने की बात कह आपत्ति की है। इस पर कोल इंडिया लिमिटेड प्रबंधन सीआइएल ने कोल माइंस आफिसर्स एसोसिएशन सीएमओएआइ के साथ बैठक आयोजित की है, ताकि इस विवाद को निपटाया जा सके।
आगामी 28 अप्रैल को सुबह 11 बजे से सीआइएल मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, निदेशक कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध, विनय रंजन, निदेशक तकनीकी बी वीरा रेड्डी, निदेशक व्यवसाय विकास, देबाशीष नंदा, निदेशक विपणन, मुकेश चौधरी तथा सीएमओएआइ अपेक्स बाडी के पदाधिकारी सम्मिलित होंगे। सीएमओएआइ द्वारा 11 वें वेतन समझौते से निर्मित हो रहे वेतन विवाद की ओर कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया प्रबंधन का ध्यान निरंतर दिलाया जा रहा है। सीएमओएआइ ने गत 18 अप्रैल को फिर से कोल सेक्रेटरी को 18 बिंदुओं वाला एक पत्र प्रेषित किया था। पत्र मिलने के बाद कोल सेक्रेटरी कार्यालय ने सीआइएल प्रबंधन को सीएमओएआइ के साथ बैठक करने कहा। इसके बाद सीआइएल प्रबंधन ने बुलाने का निर्णय लिया। इसके पहले सीएमओएआइ के पदाधिकारियों ने 20 मार्च को कोल सेक्रेटरी अमृतलाल मीणा के साथ बैठक की थी। साथ ही कोयला मंत्री से भी मुलाकात की थी। इस दौरान 11 वें वेतन समझौते से निर्मित हो रहे वेतन विवाद के कारणों को रखा था। कामगार और अधिकारी वर्ग के वेतन में बन रहे सकल अंतर को चार्ट के जरिए बताया गया।
सीएमओएआइ के अध्यक्ष ने कहा कि वेतन समझौते में डीपीई की गाइडलाइन का पालन होना चाहिए, लेकिन उनका संगठन नान एक्जीक्यूटिव के वेतन बढ़ोतरी का विरोध नहीं कर रहा है। वे भी अच्छा वेतन प्राप्त करने के हकदार हैं। एसोसिएशन केवल वेतन विसंगति की बात कर रहे हैं। सीएमओएआइ अतिरिक्त वेतन वृद्धि की मांग कर रहा हैए ताकि एक्जीक्यूटिव वर्ग के वेतन को कंपेंसेट किया जा सके। पहले एक्जीक्यूटिव वर्ग को कोलफील्ड अलाउंस दिया जाता थाए उसे भी बंद कर दिया गया। एक्जीक्यूटिव वर्ग को एडिशनल इंक्रीमेंट और बेसिक का सात से 10 फीसदी कोलफील्ड अलाउंस दिया जा सकता है।
इसके लिए डीपीई की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए कोल इंडिया प्रबंधन को एक नोट तैयार कोयला मंत्रालय को भेजना होगा। इसे स्वीकृति प्रदान करने का पूरा अधिकार कोयला मंत्रालय के पास है। बताया जा रहा है कि एडिशनल इंक्रीमेंट से कंपनी पर करीब 400 करोड़ रुपये का ही भार पड़ेगा, क्योंकि अधिकारियों की संख्या साढ़े पंद्रह हजार लगभग है। कोयला कामगारों की वेतन वृद्धि से 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भार आएगा। यहां बताना होगा कि कोयला कर्मियों 11 वां वेतन समझौता को लेकर जेबीसीसीआद की बैठक में 19 प्रतिशत एमजीबी पर सहमति बनी है। इसके बाद आफिसर्स एसोसियेशन ने अधिकारियों के वेतनमान से कर्मचारियों का वेतन अधिक होने की बात कही और इसके साथ ही मामला उलझ गया।