संपत्तिकर और जलकर पर माकपा के तेवर कड़े, कहा-माफ करे या 13 को घेराव झेले निगम
कोरबा 05 अपै्रल। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने जनहित के मुद्दों परए विशेषकर संपत्ति कर और जल कर के सवाल पर, अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। निगम के बजट सत्र से माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर के वाक आउट के बाद यह मुद्दा गर्मा गया है। आज माकपा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद को ज्ञापन सौंपकर गरीब किसानों और भू-विस्थापितों का संपत्ति कर और जल कर माफ करने की पुन: मांग की है तथा 13 अप्रैल को निगम घेराव की चेतावनी भी दे दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर सहित देव कुंवर, दामोदर श्याम, रेशम यादव, जय कौशिक, सुरेंद्र सिंह कंवर एवं अन्य शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि निगम सरकार के लिए माकपा का समर्थन पाने के लिए कांग्रेस ने कर माफी के मुद्दों सहित बांकी मोंगरा जोन के पिछड़ेपन को दूर करने का सार्वजनिक रूप से वायदा किया था। इसकी सार्वजनिक घोषणा भी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने एक पत्रकार वार्ता में की थी, लेकिन महापौर इस वादे पर अमल नहीं कर पाए। इसके साथ ही माकपा ने स्पष्ट कहा था कि निगम क्षेत्र में आउट सोर्सिंग और निजीकरण के प्रस्तावों का पार्टी समर्थन नहीं करेगी।
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा का कहना है कि नगर निगम द्वारा गरीबों किसानों, भू-विस्थापितों एवं करोना काल के पीडि़तों को संपत्ति और जल कर का नोटिस देकर घर कुर्क करने की कार्यवाही की जा रही है, जिसका माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि निगम गठन के बाद बांकी मोंगरा के विकास की उपेक्षा की गई है। इसके कारण सर्वमंगला सहित अन्य जोन में पानी, बिजली, सड़क, स्ट्रीट लाईट, नाली साफ सफाई आदि मूलभूत सुविधाओं से नागरिक वंचित हैं। इस क्षेत्र में अभी भी ग्रामीण परिवेश में ही बड़ी संख्या में आदिवासी, दलित, पिछड़ा समुदाय के किसान खेती-किसानी व मजदूरी से अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं। माकपा नेता ने कहा कि विस्थापितों के जमीन अधिग्रहण के बाद ही कोरबा जिले का विकास संभव हुआ है और अब उनकी बची हुई संपत्ति को भी कुर्क करने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है,जिसका जवाब निगम घेराव में जनता द्वारा दिया जायेगा। किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि जब गरीबों को बेहतर जिंदगी जीने के लिए सरकार चावल मुफ्त में दे सकती है तो जिंदा रहने के लिए पानी क्यों नहीं?
माकपा ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली निगम सरकार को गरीबों और भू-विस्थापितों की चिंता नहीं है, तो माकपा भी कांग्रेस की निगम सरकार को टिकाए रखने की चिंता नहीं करेगी। महापौर अगर गरीबों के पक्ष में अपने बजट पर पुनर्विचार नहीं करेंगे, तो जनता का जनसैलाब 13 अप्रैल को निगम के सामने दिखेगा। निगम घेराव को सफल करने के लिए माकपा ने 6 अप्रैल से जन अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है, ताकि जनहित के मुद्दों पर व्यापक जन लामबंदी की जा सके।