तिरछी-नज़र @ रामअवतार तिवारी
तिरछी नजर : रामअवतार तिवारी
मंत्री से खफा संगठन कांग्रेस के कुछ बड़े पदाधिकारी
सरकार के एक ताकतवर मंत्री से नाराज हैं। हुआ यूं कि एक छोटे कार्यकर्ता का काम लेकर दो-तीन बड़े पदाधिकारी मंत्रीजी के पास पहुंचे। मंत्रीजी ने काम पर विस्तार से चर्चा की और भरोसा दिलाया कि आज रात संबंधित अफसर उनसे मिलने आने वाले हैं। एक-दो दिन में काम हो जाएगा। हफ्तेभर बाद भी कार्यकर्ता का काम नहीं हुआ, तो अफसर से संपर्क साधा गया।
अफसर ने उन्हें साफ तौर बता दिया कि मंत्रीजी की तरफ से उन्हें कोई निर्देश नहीं मिले हैं। जब तक मंत्रीजी कुछ नहीं कहेंगे, उनका काम नहीं हो सकता है। इसके बाद फिर पदाधिकारी कार्यकर्ता को लेकर मंत्रीजी के पास गए। मंत्रीजी ने फिर आश्वासन दिया। लेकिन काम नहीं हुआ। छोटे से काम के लिए मंत्रीजी बड़े पदाधिकारियों को टरकाने के मामले की राजीव भवन में काफी चर्चा हो रही है। इससे पदाधिकारियों का गुस्सा होना स्वाभाविक है।
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आईटी-ईडी से दहशत
केन्द्रीय एजेंसियां प्रदेश में काफी सक्रिय हैं। आईटी के अफसरों ने पिछले दिनों एक संस्थान में दबिश दी। ज्यादा कुछ नहीं मिला, तो संस्थान के एक -दो कर्मचारियों के साथ हाथापाई की गई। अब इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो पता नहीं ,लेकिन कारोबारी जगत में इसकी खूब चर्चा हो रही है। दूसरी तरफ, प्रदेश के एक बड़े उद्योगपति से ईडी ने दो दिनों तक पूछताछ की, इसके बाद उद्योग पति की तबियत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा । एजेंसियों की सक्रियता से कारोबार जगत में दहशत का माहौल है ।
अडानी समूह में अमन सिंह
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के भरोसेमंद पूर्व प्रमुख सचिव अमन सिंह, देश के शीर्ष उद्योग समूह अडानी से जुड़ गए हैं। अडानी समूह ने उन्हें कारपोरेट ब्रांड कस्टोडियन के रूप में नियुक्त किया है। छत्तीसगढ़ में भी अडानी समूह का सबसे बड़ा कारोबार है।अडानी समूह ने हाल के वर्षों में जिंदल समूह को भी पीछे छोड़ दिया है।
छत्तीसगढ़ में अडानी के तीन पॉवर प्लांट, एक सीमेंट प्लांट, और रायगढ़-सरगुजा की कोयला खदानें हैं। इन सबके बीच अमन सिंह की नियुक्ति की खूब चर्चा हो रही है। 95 बैच के आईआरएस अफसर अमन सिंह, रमन सरकार के सबसे ताकतवर अफसर माने जाते थे। अपने विशिष्ट गुणों की वजह से अमन सिंह शीर्ष भाजपा नेताओं के करीबी रहे हैं।
बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राजनाथ सिंह से उनकी खूब छनती है। यही नहीं, नड्डा पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनकर रायपुर आए थे, तो वो सीएम से मिलने से पहले अमन सिंह के घर गए थे। उनकी दिल्ली की नौकरशाही में अच्छी पकड़ है ।
अमन सिंह अडानी समूह के शीर्ष रणनीतिकारों में शामिल किए गए हैं । विदेशों में भी अडानी समूह का कारोबार बढ़ा है। ऐसे में दिल्ली और गुजरात, दोनों जगह कंपनी के कामकाज में अहम भूमिका रहेगी ।
गौरव ने गौरव बढ़ाया
छत्तीसगढ़ केडर के आईएएस अधिकारियों का दिल्ली में दिनोंदिन प्रभाव बढ़ता जा रहा है। खासकर गौरव द्विवेदी के प्रसार भारती बोर्ड के सीईओ पद में नियुक्ति ने सबको चौका दिया। रिजल्ट देने वाले साफ छवि के गौरव द्विवेदी के बारे में लंबे समय तक केन्द्र सरकार की एजेंसियों द्वारा छानबीन करने के बाद यह महत्वपूर्ण नियुक्ति आगामी 5 वर्ष के लिए की गई है। इस नियुक्ति में सरकार और संगठन दोनों की गहरी रूचि रहती है। इसके अलावा सौम्य छवि के सुबोध सिंह के पदोन्नति के बाद आगामी दिनों कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है। आईएएस अधिकारी सोनमणी वोरा के अधिकार में भी ईजाफा हुआ है।
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सूचना आयोग का बुरा हाल
मुख्य सूचना आयुक्त पद से एमके राउत के सेवानिवृत्त होने के बाद इस सप्ताह सदस्य अशोक अग्रवाल का भी कार्यकाल खत्म हो जायेगा। जबकि सूचना आयोग में 11 हजार से अधिक केस लंबित है। प्रतिमाह 500 केस अपील में रायपुर तक पहुंच रहे हैं। जबकि हर पंचायत में सैंकड़ों की संख्या में प्रतिदिन आवेदन लग रहे हैं। लोगों की जागरूकता बढ़ गई है। दो पद खाली हो गए, अब दो सदस्यों मनोज द्विवेदी और धमेन्द्र जायसवाल के जिम्मे आयोग रहेगा। इन जगहों पर नियुक्ति के लिए कई प्रमुख लोगों ने आवेदन लगाया है, जिसके लिए लाबिंग चल रही है।
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राकेश के नियुक्ति के मायने
आईएफएस अधिकारी राकेश चतुर्वेदी को जैव विविध बोर्ड के अध्यक्ष बनाने से लोगों को समझ नहीं आ रहे हैं। वन विभाग में किये काम व संबंधों की व्यापकता के चलते राकेश चतुर्वेदी को बड़े पद मिलने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन जिस बोर्ड में नियुक्ति की गई है उसमें काम की गुंजाइश कम हैं। अपने लिए स्टाफ तक जुगाडऩा पड़ेगा। एक मंत्री सहित कई प्रमुख लोगों के भारी प्रयास के बावजूद काम के जानकार स्थानीय अफसर का सही उपयोग सरकार कर पाती है या नहीं यह देखना है।
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