एक शिक्षक के कंधे पर पहली से पांचवी तक की जिम्मेदारी
कोरबा 8 अक्टूबर। कोरबा जिलान्तर्गत खंड शिक्षा कार्यालय पाली के पहाड़ी व बीहड़ वनांचल आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत बारी उमराव के मोहल्ला भदभद में नौनिहाल उधार के कच्चे मकान में पढऩे को मजबूर हैं। बच्चों की पहली से पांचवी तक की पाठशाला इसलिए उधार के कमरों में लग रही है, क्योंकि 3 वर्ष पहले कक्षा संचालन के दौरान स्कूल भवन के छत का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। गनीमत ये रही कि छत किसी बच्चे के ऊपर सीधे नही गिरी अन्यथा बड़ा हादसा भी हो सकता था। हालांकि बच्चों को छुट-पुट चोटें जरूर आई थी। जिसके बाद स्थिति को देखते हुए जर्जर स्कूल भवन में ताला लटका दिया गया। तब से लेकर आज पर्यंत तक कक्षा पहली से पांचवी तक के दर्जनों बच्चों को खपरैल वाले उधार के मकान में पढ़ाना बेहतर समझा जा रहा है।
लगभग 30-35 घरों के परिवार निवासरत वाले भदभद मोहल्ला में विगत 1998 से पाठशाला का संचालन हो रहा है, लेकिन तब कक्षा दुबराज सिंह नामक ग्रामीण के घर के एक कोने में लगती थी। सन 2006-07 में यहां प्राथमिक शाला भवन का निर्माण हुआ। तब जाकर बच्चों को शासकीय शाला भवन मिल सका, लेकिन भवन जल्द ही जर्जर हो जाने के कारण 3 वर्ष पहले कक्षा संचालन के दौरान छत का एक बड़ा हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया, जिसके बाद से पाठशाला ग्रामीण धरमपाल गोड़ के मकान में लगाई जा रही है। जहां कक्षा पहली से पांचवी तक वर्तमान में करीब 33 बच्चे अध्यनरत है। बच्चों को यहां पदस्थ एकमात्र शिक्षक कलेश्वर सिंह आर्मों शिक्षक ज्ञान देते हुए अपने जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन कर रहे है।
यहां के ग्रामीणों में दिलीप सिंह, बुद्धुसिंह, सुखदेव कंवर सहित अन्य ने बताया कि जर्जर शासकीय स्कूल भवन का छत टूटकर गिरने के बाद पढऩे वाले बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रख वहां ताला लगा दिया गया। जिसके हालात से खण्ड शिक्षाधिकारी पाली व जिला प्रशासन को भी अवगत कराते हुए नए शाला भवन का मांग की गई थी, जिसे आज तक संज्ञान में नही लाया गया हैं।