बंग समाज के महिलाओं ने सिंदूर दान परंपरा के साथ देवी माता की प्रतिमाओं को दी गई विदाई
कोरबा 8 अक्टूबर। विजयादशमी के दूसरे दिन देवी माता को सिंदूर दान परंपरा के साथ विदाई दी गई। पंडालों में स्थापित की गई दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जन करने का क्रम शहर में पूरे दिन जारी रहा। गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा को लेकर भक्तों में उल्लास देखा गया।
नवरात्र पर्व समापन के बाद देवी विसर्जन का दौर शुरू हो गया है। शहर के विभिन्न पंडालों में स्थापित की गई प्रतिमा की परंपरागत पूजा की गई। इस अवसर पर बंग समाज के महिलाओं ने सिंदूर दान की परंपरा का निर्वहन किया। अमरैयापारा, सीएसईबी कालोनी दुर्गा उत्सव समिति व बालको सेक्टर तीन आदि दुर्गा उत्सव समिति की महिलाओं ने देवी माता को सिंदूर अर्पण कर एक-दूसरे महिलाओं की मांग में सिंदूर लगाया। मान्यता के अनुसार सिंदूर दान परंपरा से सुहाग के दीर्घायु की कामना देवी माता पूरी करती हैं। दशहरा पर्व होने के कारण दूर दराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रतिमा का विसर्जित नहीं किया गया। विसर्जन के लिए भारी वाहनों में प्रतिमाओं को स्थापित कर नदी घाटों तक ले जाया गया। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी देवी प्रतिमा विसर्जन का कार्यक्रम डीजे, कर्मा, ढाकी आदि के साथ जारी रहा है। मांदर की थाप व पारंपरिक कर्मा की धुन पर झूमते हुए श्रद्धालुओं ने देवी माता को विदाई दी। विसर्जन यात्रा के पूर्व देवी माता की पूजा की गई। अगले वर्ष फिर से खुशियों की सौगात लेकर आने का निमंत्रण दिया गया। विसर्जन यात्रा के दौरान जगह-जगह देवी दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालुओं ने पूजा की।