नान घोटाला: हाईकोर्ट जज पर किसी बातचीत में शामिल होने का आरोप लगा, निचली अदालत को सुनवाई से रोका गया
बिलासपुर 29 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले के आरोपी की मदद करने के लिए संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति और हाईकोर्ट के जज के बीच संपर्क होने के ED के आरोपों और सबूत को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. SC ने कहा कि यह दावा अलग है, क्योंकि इसमें कथित रूप से जज का किसी बातचीत में शामिल होना बताया जा रहा हैं.
CJI यूयू ललित की न्यायिक पीठ ने बीते सोमवार को विशेष कोर्ट को इस मामले की आगे सुनवाई से मना किया और कहा कि ED की अपील अनुसार 12 अक्तूबर को सुनवाई की जाएगी. CJI ललित ने खुद को संपूर्ण न्यायपालिका का प्रमुख बताते हुए कहा कि अपीलीय न्यायक्षेत्र के रूप में बैठने के अलावा वह अलग तरह से काम करने और सुधारात्मक प्रशासनिक कदम उठाने के लिए भी अधिकृत हैं. इसलिए उन्होंने निचली अदालत को सुनवाई से रोका है.
ED की मांग ‘केस को राज्य से बाहर स्थानांतरित किया जाए
ED ने हाल में दावा किया था कि राज्य में सांविधानिक पदों पर बैठे कुछ घोटाले के एक खास आरोपी को बचाने के लिए हाईकोर्ट के एक जज के संपर्क में हैं. इसे देखते हुए ED ने धन शोधन के इस केस को छत्तीसगढ़ से बाहर स्थानांतरित करने के अलावा हाईप्रोफाइल आरोपी की अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग की भी की थी. गौर करने वाली बात यह कि ED ने इस बारे में संबंधित व्यक्तियों के कुछ आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैट सील लिफाफे में पीठ को सौंपे थे.