जिले के आश्रम छात्रावास भगवान भरोसे हो रहे संचालित
कोरबा 27 सितम्बर। आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित आश्रम छात्रावास भगवान भरोसे संचालित हो रहे। आश्रम छात्रावासों की दफ्तर में बैठे बैठे मॉनिटरिंग की जा रही। आदिवासी बालक छात्रावास सिरमिना के अधीक्षक को बिना सूचना के 28 दिनों से अनुपस्थित पाए जाने के बाद इन दावों को बल मिल रहा ।
यहां बताना होगा कि आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से जिले में 183 आश्रम छात्रावासों का संचालन किया जा रहा है। शासन प्रशासन छात्रावासी बच्चों की सुविधाओं में हर साल बढोत्तरी कर रही है। ताकि वे स्वस्थ रहकर मन लगाकर विद्यार्जन कर सकें। लेकिन आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में आश्रम छात्रावास भष्ट्राचार का केंद्र बिंदु बन गए हैं वरन इन आश्रम छात्रावासों पर विभागीय नियंत्रण भी ढीली पड़ गई है। शासन द्वारा तमाम सुविधाएं दिए जाने के बावजूद आश्रम छात्रावासों की नियमित मॉनिटरिंग नहीं की जा रही। विकासखंड पोंडी उपरोड़ा के प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास सिरमिना का अधीक्षक गितेश सिंह 16 अगस्त से नदारत थे । 28 दिनों से बिना सूचना अनुपस्थित अधीक्षक की जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने 13 सितम्बर को औचक निरीक्षण कर जायजा लिया। जहाँ शिकायत सही मिली। सहायक आयुक्त के जांच प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस थमाया था। लेकिन जनप्रतिनिधियों से मिले शिकायत के बाद औचक निरीक्षण कर आदिवासी विकास विभाग जमीनी स्तर पर आश्रम छात्रावासों की मॉनिटरिंग में की जा रही ढिलाई के अपने कर्तव्यों से नहीं बच सकता।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो विभागीय अधिकारियों का पूरा ध्यान डीएमएफ एवं विभागीय फंड से प्राप्त आबंटन से स्वीकृत कार्यों में ही पूरा ध्यान केंद्रित रहता है। दोनों ही मदों के फ़ंड की बर्बादी की दास्तां हाल ही में आश्रम छात्रावासों के निरीक्षण में सामने आ चुकी है। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि वो स्वयं आश्रम छात्रावासों का निरीक्षण स्वयं करे। ताकि प्रदेश के मुखिया के सामने कोरबा जिले को आश्रम छात्रावासों के लचर व्यवस्था से लज्जित न होना पड़े।