हाथियों के दल ने चार बैलों को पटक कर मौत के घाट उतारा
कोरबा 2 सितम्बर। जिले के कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में मौजूद हाथियों के दल ने जहां आतंक मचा रखा है वहीं पिछली रात लगभग 17 हाथियों का दल पिकनिक स्थल झोरा पहुंच गया। इसमें चार बेबी एलीफेंट भी शामिल हैं। नगर पंचायत छुरीकला क्षेत्र से लगे ग्राम झोरा में अचानक पहुंचे हाथियों के दल ने ग्रामीणों के बाड़ी और खेत में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। रात करीब 9.10 बजे के मध्य पहुंचे हाथियों की चिंघाड़ सुनकर ग्रामीणों की नींद उचट गई और भय मिश्रित कौतूहल का आलम रहा। हाथियों को गांव की तरफ आने से रोकने के लिए ग्रामवासी मुस्तैद रहे। हालांकि हाथियों ने गांव की तरफ रुख नहीं किया लेकिन गांव में मौजूद खेत और बाडिय़ों में दस्तक देकर भूख शांत की।
सुबह-सुबह हाथियों का दल वापस जंगल की ओर लौटा तो ग्रामीणों ने राहत महसूस की। हाथियों के इस तरह आगे बढ़ते जाने और नगरीय क्षेत्र से लगे गांवों में दस्तक देने से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इस बीच पसान रेंज के जल्के सर्किल से अड़सरा पहुंचे 12 हाथियों के दल ने आधी रात को गांव के ढोढ़ीपारा में भारी आतंक मचाया। इस दौरान हाथियों ने भैयालाल नामक ग्रामीण के बाड़ी व कोठार में प्रवेश कर वहां बंधे चार बैलों को पटक कर मौत के घाट उतार दिया। हाथी के हमले में एक बछड़ा घायल हो गया। इसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा रात में ही बीट गार्ड ईश्वर मानिकपुर सहित वन विभाग के अधिकारियों को दी गई। जिस पर वन अमला तत्काल मौके पर पहुंचा और हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की। इससे पहले सुनसान क्षेत्र में रह रहे लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था और पंच के रतन लाल के पक्के आवास में ठहरा दिया गया था। वन विभाग की सक्रियता के चलते यहां कोई जनहानि नहीं हो सकी लेकिन ग्रामीण दहशत में रहे और मारे डर के रतजगा करते रहे। आज सुबह होने पर हाथियों के हमले में मृत मवेशियों का पोस्टमार्टम कराया गया और प्रकरण तैयार कर इसे उच्चाधिकारियों को सौंपा गया। हाथियों द्वारा एक साथ 4 मवेशियों को मौत के घाट उतार दिए जाने से क्षेत्र में आतंक ज्ञात रहे कि इससे पहले कोरबा शहर के भीतर हाथियों की दस्तक हो चुकी है। हाथियों के आने.जाने को जंगल में ही थाम सकने में वन विभाग नाकाम साबित हो रहा है।