आनलाइन ठगी के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार
कोरबा 12 अगस्त। बहाने से एटीएम कार्ड व पिन लेकर आनलाइन ठगी कर लाखों का चूना लगाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनके पास से 16 एटीएम कार्य बरामद किया। जबकि मामले का मुख्य आरोपित तक अभी पुलिस पहुंच नहीं सकी है। क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य जिले में सक्रिय होने की खबर पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह को मिल रही थी। इस गिरोह द्वारा ठगी की गई रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाता व एटीएम कार्ड की व्यवस्था कर अपने सरगना तक पहुंचा रहे थे।
इसी दौरान सुभाष राव ने थाना दीपका में रिपोर्ट दर्ज कराई कि अजय सिंह कंवर कंपनी में लेबर पेमेंट के नाम पर उसकी पत्नी का एटीएम कार्ड और पिन ले लिया है। बैंक में जाकर पता करने पर लगभग दो से ढाई लाख रुपये का ट्रांजैक्शन होना बताया गया। अजय ने धोखाधड़ी कर राशि स्थानांतरित कर ली। मामले में थाना दीपका में अजय सिंह के विरुद्ध धारा 420 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अजय सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने बताया कि दो साल पहले अपने साथी अनिल कुमार केंवट के साथ अंबिकापुर गया था, वहां बिहार पटना निवासी एक व्यक्ति से पहचान हुई थी। उसने कहा कि एक एटीएम कार्ड के बदले में 5000 रूपये कमीशन देगा। तब से रकम कमाने के लालच में दोनों करीब 70 एटीएम कार्ड अभी तक ठग गिरोह के सरगना तक पहुंचा चुके हैं। उसने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग बैंकों के 16 एटीएम अलग-अलग व्यक्तियों से धोखे से लेकर रखे हैं, जिसे आरोपित के निशानदेही पर जब्त कर लिया गया। पुलिस ने मामले में अजय सिंह 27 साल निवासी पंखादफाई, थाना बांकीमोंगरा के साथ ही साथी अनिल कुमार केंवट 29 साल पता भैरोताल, वार्ड नंबर 57 थाना कुसमुण्डा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया।
वहीं मामले के मुख्य सरगना को पकडऩे के लिए टीम बिहार भेजी जा रही है। ठग गिरोह के सदस्य दीपका के आसपास के क्षेत्र में घूम कर लोगों को यह कहकर कि हम लोग कंपनी में काम करते हैं। कंपनी द्वारा सभी कर्मचारियों को बैंक खाता के माध्यम से तनख्वाह दिया जाता है, किंतु कुछ कर्मचारियों का बैंक में खाता नहीं है जिससे उनका तनख्वाह नहीं मिल पा रहा है। उन कर्मचारियों का तनख्वाह खातों में जमा होगा, उसे एटीएम के माध्यम से आहरण करेंगे, कुछ रकम कमीशन के रूप में देने का झांसा देकर एटीएम धारकों से उनका एटीएम एवं पिन नंबर मांगते थे। आरोपितों ने बताया कि गिरोह का सरगना काफी शातिर किस्म का है, जो कि इनके पास से लिए गए एटीएम कार्ड को लगभग दो-तीन माह उपयोग करने के बाद इनको वापस कर देता था, जिसे ये लोग पुन: एटीएम कार्ड धारक को वापस कर दिया करते थे ताकि किसी प्रकार का शक न हो ।