श्रमिक संगठन जुटे सत्यापन की तैयारी में

कोरबा 2 जुलाई। एसईसीएल में श्रमिक संगठन के सदस्यों का सत्यापन जुलाई माह में होता है। अब श्रमिक संगठन इसकी तैयारी में जुट गए हैं। अब कार्यालय में बैठकर सूची बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। बकरा भात खिलाने का कार्य भी शुरू होगा। उन्हें अब तारीख की घोषणा होने का इंतजार है।

जानकारी के अनुसार एसईसीएल में पांच श्रमिक संगठनों को मान्यता मिली हुई है। इनके द्वारा सदस्यता अभियान चलाया जाता है। इन सदस्यों का सत्यापन जुलाई माह में होता है। वे तारीख की घोषणा होने का इंतजार कर रहे हैं। रजगामार क्षेत्र में एसईकेएमसी के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण राठौर के निधन के बाद बालको संभाल रहे रामनाथ कश्यप व उसकी कार्यकारिणी भी तैयारी में लगी हुई है। देखना यह है कि एसईकेएमसी पर लक्ष्मण राठौर के निधन के बाद कितना असर पड़ता है। इसी तरह मानिकपुर में भी केके शर्मा स्थानांतरण होकर एमसीएल जा चुके है। सारा दारमदार भागवत सिंह व प्रमोद बेनर्जी के कंधे पर है। कुसमुंडा में एसकेएमएस के वरिष्ठ नेता मदन सिंह भी रिटायर होकर बिलासपुर में रहते हैं। वे कुसमुंडा के प्रभारी है। समय.समय पर कुसमुंडा भी आते हैं। एसकेएमएस ने एसएन राव व राजलल्लन पांडेय भी संगठन को मजबूत करने में लगे है। एसकेएमएस कोरबा एरिया में धर्माराव ताकतवर नेता माने जाते हैं। उनका एकतरफा सदस्य संख्या संगठन को काफी ऊपर तक लेकर जाता है। गेवरा एरिया के वरिष्ठ नेता देवराज के निधन के बाद बागडोर अब दीपक उपाध्याय व एलपी अघरिया के हाथों में है। यहां की टीम एसकेएमएस को संभालने में सफल रही है। इसी तरह रजगामार में एसकेएमएस के कमर बक्श व मानिकपुर में राजू श्रीवास्तव रिटायर हो चुके हैं और अभी भी अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय है। इनके द्वारा सत्यापन के लिए सूची बनाने का काम शुरू कर दिया है। एसईसीएल में कोरबा, दीपका, कुसमुंडा व गेवरा के सभी पांच श्रमिक संगठन लगातार कामगारों के संपर्क में है और इनकी समस्याओं को भी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। सत्यापन के बाद ही पता लग सकेगा कि किस संगठन के पास सबसे अधिक संख्या है।

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