बिना बिजली, बिना मोबाइल चल रहा ग्राहक सेवा केन्द्र…!
युवाओं का जुगाड़: जरूरतमंदों के चेहरे पर राहत की फुहार
रिपोर्ट: सत्यप्रकाश पांडेय
बिलासपुर 27 जून। एक ऐसा वनग्राम जहाँ न बिजली है, ना मोबाईल फ़ोन के टॉवर फिर भी वनवासियों की सुविधा के लिए खुले आसमान के नीचे तालाब की मेढ़ पर एक ‘ग्राहक सेवा केंद्र’ चल रहा है। अविभाजित बिलासपुर ज़िले का वनग्राम अचानकमार, वहाँ के कुछ युवाओं ने ऐसी जगह तलाश ली है जहाँ हवाओं के रुख़ पर एक मोबाईल कम्पनी का नेटवर्क आता-जाता रहता है। हवा का मिज़ाज़ ठीक रहा तो दूर कहीं से आती मोबाईल नेटवर्क की तरंगे जरूरतमंदों के चेहरे पर राहत की फुहार मार जाती है।
ये तस्वीर वन ग्राम अचानकमार की है, विभाजित मुंगेली जिले का यह वनग्राम प्रदेश-देश में टाईगर रिजर्व के रूप में अपनी पहचान रखता है। बिजली समेत अन्य संचार संसाधनों से विमुख इस इलाके में रहने वाले कुछ पढ़े-लिखे आदिवासी युवाओं ने गाँव में दो ऐसी जगह खोज निकाली है जहां एक निजी मोबाईल कम्पनी का नेटवर्क काम करता है। वनग्राम में कुछ स्थान पर सोलर पैनल लगे हुए हैं जो बिजली की समस्या से कुछ घंटो तक राहत देते हैं।
मोबाईल नेटवर्क की खोज करने वाले ग्रामीण युवाओं ने अचानकमार के एक तालाब की मेढ़ पर खुले आसमान के नीचे अब ग्राहक सेवा केंद्र खोल दिया है जिससे आस-पास के करीब 5 गाँव के वनवासी अपनी जरूरतों के लिहाज से रुपयों का लेन-देन करते हैं।
अचानकमार जैसे आदिवासी बाहुल्य वन ग्राम में इस तरह का अनोखा ग्राहक सेवा केंद्र निश्चित ही मील का पत्थर है।