छत्तीसगढ़ के 20 सहित देश के 124 कोल ब्लाकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू
कोरबा 21 जून। देश में कोयले की बढ़ती मांग को देखते हुए कोयला मंत्रालय ने कमर्शियल माइनिंग के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाया है। वह छत्तीसगढ़ के 20 समेत देश के 124 कोल ब्लाकों की नीलामी करने जा रहा है। इसमें कोरबा जिले का करतला कोल ब्लाक भी शामिल है। सोमवार से इसकी आनलाइन पंजीयन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वर्ष 2019-20 में कोयला आयात 24.80 करोड़ मिट्रिक टन के शिखर पर पहुंच गया था। कोयला मंत्रालय के प्रयास से वर्ष 2020-21 के दौरान यह घट कर 21.50 करोड़ मिट्रिक टन और 2021-22 में 20.90 करोड़ मिट्रिक टन हुआ। इस बीच 2022.23 में कोरोना का असर कम होते ही उद्योगों में कामकाज पूरी क्षमता से होने लगी। साथ ही कुछ नए उद्योग भी शुरू हुए। इसका असर यह रहा कि इस साल देश में अचानक 20 फीसद बिजली की मांग बढ़ गई। इसके साथ ही कोल इंडिया को बिजली संयंत्रों में कोयला आपूर्ति की चुनौती का सामना करना पड़ रहा। नौबत यह आ गई कि केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह को देश के बड़े विद्युत कंपनियों को दस फीसद कोयला आयात करने के निर्देश देना पड़ा। एक बार फिर कोयला मंत्रालय ने विदेशी कोयले पर निर्भरता कम करने कमर्शियल माइनिंग योजना को तेजी से आगे बढ़ाया है। इसके तहत तीसरे चरण में 124 कोल ब्लाकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहले चरण में कोल ब्लाकों की जो सूची जारी की गई थी, उसमें छत्तीसगढ़ के कोरबा व सीमा से लगे पांच कोल ब्लाक मोरगा साउथ, मोरगा टू, मदनपुर नार्थ, श्यांग और फ तेहपुर इस्ट शामिल थे। शेष को आपत्तियों की वजह से सूची से हटा दिया गया था। इनकी जगह तीन अन्य कोल ब्लाक डोलसरा, जेरेकेला व झारपालम-थंगारघाट को शामिल किया गया है।
कोरबा जिले में साउथ इस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड की पांच खुली खदान व सात भूमिगत खदान संचालित है। इसके अलावा पांच कोल ब्लाक आबंटित किए गए हैं। इनमें केवल एक ब्लाक कोरबी-चोटिया से ही कोयला निकाला जा सका। अन्य ब्लाक प्रशासनिक प्रक्रिया की वजह से अधर में लटके हैं। तीसरे चरण के नीलामी में शामिल करतला कोल ब्लाक 21.3 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। 60 फीसद हिस्सा गैर वन भूमि व 40 फीसद वन भूमि क्षेत्र है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार इस ब्लाक में 10,500 लाख टन कोयले का भंडार है। इससे चार गांव प्रभावित होंगे।