अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना की ये हैं 10 बड़ी बातें…

  1. सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी. इन चार साल के दौरान उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा.
  2. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्नि वीरों की सेवाएं आगे बढ़ाई जाएंगी. बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा.
  3. चार साल की नौकरी में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी. साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र वाले अग्निवीर के लिए योग्य होंगे.
  4. थलसेना और नौसेना में महिलाओं को भी अग्निवीर बनने का मौका मिलेगा.
  5. अग्निवीरों को 4.76 लाख का सालाना सैलेरी पैकेज मिलेगा यानी हर महीने करीब 30 हजार. चौथे वर्ष तक ये पैकेज 6.92 लाख हो जाएगा. इसके अलावा सियाचिन जैसे इलाकों के लिए रिस्क एंड हार्डशिप अलाउंस भी मिलेगा.
  6. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी. इस राशि को सेवा निधि पैकेज नाम दिया गया है. इसके तहत रिटायरमेंट के बाद 11.7 लाख की राशि मिलेगी. ये सेवा निधि पैकेज अग्निवीर की सैलरी का 30 प्रतिशत और इतना ही सरकार का योगदान के साथ मिलकर बनाया गया है. ये सेवा निधि पैकेज पूरी तरह से आयकर मुक्त होगी.
  7. सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी.
  8. अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी.
  9. खास बात ये होगी कि अब सेना की रेजिमेंट में जाति, धर्म और क्षेत्र के हिसाब से भर्ती नहीं होगी बल्कि देशवासी के तौर पर होगी. यानि कोई भी जाति, धर्म और क्षेत्र का युवा किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. दरअसल, सेना में इन्फेंट्री रेजीमेंट अंग्रेजों के समय से बनी हुई हैं जैसे सिख, जाट, राजपूत, गोरखा, डोगरा, कुमाऊं, गढ़वाल, बिहार, नागा, राजपूताना-राईफल्स (राजरिफ), जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जैकलाई), जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जैकरिफ) इत्यादि. ये सभी रेजीमेंट जाति, वर्ग, धर्म और क्षेत्र के आधार पर तैयार की जाती हैं.

द गार्ड्स आजादी के बाद मात्र एक ऐसी रेजीमेंट है जो ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर खड़ी की गई थी. लेकिन अब अग्निवीर योजना में माना जा रहा है कि सेना की सभी रेजीमेंट ऑल इंडिया ऑल क्लास पर आधारित होंगी. यानि देश का कोई भी नौजवान किसी भी रेजीमेंट के लिए आवेदन कर सकेगा. आजादी के बाद से रक्षा क्षेत्र में ये एक बड़ा डिफेंस रिफॉर्म माना जा रहा है.

  1. अग्निपथ योजना के तहत अगले 90 दिनों के भीतर थल सेना की पहली रिक्रूटमेंट रैली आयोजित कर ली जाएगी. इस योजना के तहत पहले साल में थल सेना के लिए 40 हजार अग्नि वीरों की भर्ती की जाएगी. वायुसेना के लिए 3500 अग्निवीर और नौसेना के लिए 3000 अग्नि वीरों की भर्ती होगी.

मंगलवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी (Chief Of The Air Staff Air Chief Marshal VR Chaudhry) ने साफ कर दिया कि इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) के पिछले दो साल में जितने भी एग्जाम हुए हैं या होने थे वे अब रद्द हो जाएंगे. वायुसेना में भर्तियां अब अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत ही की जाएगी. नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार (Navy Chief Admiral R Hari Kumar) के मुताबिक, अग्नि वीरों की ट्रेनिंग इस तरह की होगी कि वे युद्धपोत से लेकर पनडुब्बी पर तैनात किए जा सकेंगे.

अब अग्निपथ के जरिए ही होगी सेना में भर्ती
अब सशस्त्र सेनाओं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना में जवान के पद के लिए अग्निपथ योजना ही एकमात्र गेटवे हैं. बाकी सभी भर्ती प्रक्रिया जवान (नौसैनिक और वायुसैनिक) के लिए अब नहीं होंगी. जितनी भी भर्तियां होंगी वे अग्निपथ योजना के तहत होंगी. अधिकारी-रैंक के लिए एनडीए और सीडीएस (कम्बाइंट डिफेंस सर्विस) प्रक्रिया पहले की तरह चलती रहेगी.

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