पौधा रोपना ही पर्याप्त नहीं, उम्र भर पोषण भी जरूरी: एच के साहा
कोरबा 13 जून। भूमिगत कोयले को बाहर निकालने के लिए हमें जमीन के ऊपर के पेड़ों को काटना ही पड़ता है। बदले में हम पौधरोपण भी करते हैं लेकिन उसका सही पोषण नहीं होने की वजह से प्रकृति का सामंजस्य बिगड़ते जा रहा है। हमें प्रकृति के अनुकूल पौधारोपण करना होगी। पौधों के रोपण करना ही पर्याप्त नहीं बल्कि उसका उम्र भर पोषण करना जरूरी है।
यह बात एसईसीएल गेवरा के महाप्रबंधक एचके साहा ने रविवार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी के गेवरा शाखा संस्थान में आयोजित पौधा रोपण के दौरान कही। उन्होने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के तत्वावधान में प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आगामी 25 अगस्त तक विश्वभर में 75 लाख पौधारोपण का लक्ष्?य रखा गया है । जिसमें संस्था का उद्देश्य न केवल पौधारोपण है बल्कि पौधारोपण के बाद पौधे की देखभाल कर उसकी पालना करना कर उसे सींचकर उन्हें बड़ा करना भी है। संस्था के इस पुनीत कार्य शामिल होकर पर्यावरण संरक्षण की ओर आगे कदम बढ़ा रहे है। इस अवसर पर कुमारी पूर्वी के द्वारा अतिथियों के स्वागत में मनोरम नृत्य प्रस्तुत कर अतिथिगणों का स्वागत किया गया। एनसीएच गेवरा से सभा में पधारे मंचस्थ डाक्टर वी राम के वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें कम से कम कागजों का उपयोग करना चाहिए। अल्टरनेट उपाय के तौर पर हमें डिजिटल बनना होगा। हमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना होगा। वर्षा के पानी को भूमि में जाने हेतु अपने घर के इर्द गिर्द जगह बनानी होगी। बहन बीके कुसुम दीदी ने ब्रम्हाकुमारी संस्था की ओर से लिए गए संकल्प के संदर्भ में सबको रूबरू कराया। कार्यक्रम के अंत में बहन ज्योति दीदी ने सभा में पधारे सभी आगंतुकों का व अतिथिगणों का अपना कीमती समय निकालकर कार्यक्रम को सफल बनाने में उपस्थिति प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया गया। सभी अतिथियों को स्लोगन फ्रेम, प्रसाद व एक एक पौधा भेंट किया गया, परमात्मा के प्रसाद के साथ अपने-अपने घरों में लगाने एक एक पौधा प्राप्त किए ।